बैठक में कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल बनाने के लिए पर्याप्त संसाधनों को शामिल करने, चिकित्सा संस्थानों को पीपीई, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरणों आदि के साथ लैस करने सहित राज्यों की क्षमता मजबूत बनाने के बारे में कई अन्य उपायों पर  विस्तार से चर्चा हुइ

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में  कोविड -19 पर मंत्री समूह (जीओएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुइ जिसमे  कोविड-19 के नियंत्रण और प्रबंधन के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। मंत्री समूहने अब तक उठाए गए कदमों, निवारक रणनीति के रूप में सामाजिक दूरी के उपायों की वर्तमान स्थिति तथा कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए केंद्र और साथ ही राज्यों द्वारा उठाए गए कड़े कदमों पर भी चर्चा की। मंत्री समूहको सूचित किया गया कि सभी जिलों को कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए अपनी आकस्मिक योजना तैयार करने और उसे मजबूत करने के लिए कहा गया है।

इस बैठक में कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल बनाने के लिए पर्याप्त संसाधनों को शामिल करने, चिकित्सा संस्थानों को पीपीई, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरणों आदि के साथ लैस करने सहित राज्यों की क्षमता मजबूत बनाने के बारे में कई अन्य उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।राज्यों से पहले से निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड-19 केंद्रों/ अस्पतालों की पहचान करने के लिए कहा गया है।

मंत्री समूह ने हॉटस्पॉट और क्लस्टर प्रबंधन की रणनीति के साथ-साथ परीक्षण रणनीति और देश भर में परीक्षण किट की उपलब्धता की भी समीक्षा की। मंत्री समूह को आवश्यकता के अनुरूप पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, दवाइयां और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्तता और उपलब्धता के बारे में अवगत कराया गया। मंत्री समूह को सूचित किया गया कि पीपीई के निर्माण के लिए घरेलू विनिर्माताओं की पहचान की गई है और निर्माण संबंधी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा वेंटिलेटर के लिए भी आदेश दे दिए गए हैं।

मंत्री समूह को कोविड-19 के लिए वर्तमान में परीक्षण कर रहीं सार्वजनिक और निजी प्रयोगशालाओं की संख्या और साथ ही प्रयोगशालाओं के इस नेटवर्क के माध्यम से प्रतिदिन किए जाने वाले परीक्षणों की संख्याके बारे में जानकारी दी गई।  मंत्री समूह ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की भी समीक्षा की। मंत्री समूहने मंत्रालयों और अधिकार प्राप्त समूहों द्वारा किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

मंत्री समूह के अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रीडॉ हर्षवर्धन ने इस स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल में सबसे आगे रहने वाले और हमें कोविड-19 से बचाने के लिए सेवाएं प्रदान कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को बहिष्‍कृत न करने की अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि हमें अफवाहें या अप्रामाणिक सूचनाएं फैलाने से बचना चाहिए।उन्होंने कहा,“स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट (www.mohfw.gov.in),आईसीएमआरकी वेबसाइट(www.icmr.nic.in), पीआईबी की वेबसाइट(www.pib.gov.in) और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों की वेबसाइट कोविड-19 के बारे में जानकारी के प्रामाणिक स्रोत हैं और कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशानिर्देशों, परामर्श और प्रबंधन के बारे में किसी भी जानकारी के लिए इनको ही एक्सेस करने की आवश्यकता है। मंत्रालय की वेबसाइट नागरिकों,राज्यों/संघशासित प्रदेशों,अस्पतालों और अन्य हितधारकों के लिए जानकारी का प्रामाणिक और पूर्ण स्रोत है।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्नों के लिएtechnicalquery.covid19@gov.inपर ईमेल के माध्‍यम से भेजे जा सकते हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने दोहराया कि किस व्‍यक्ति को किस प्रकार के मास्क का उपयोग करना चाहिए और किसव्‍यक्तिको पीपीई का उपयोग करना चाहिए, इसके बारे में विस्तृत परामर्श और दिशानिर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्‍ध कराए गए हैंऔर आईईसी अभियानों के माध्यम से इस बारे में जागरूकता भी फैलाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक दूरी और आइसोलेशन कोविड-19 के खिलाफ सबसे प्रभावी सामाजिक वैक्‍सीन हैं। उन्‍होंने लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी से व्यक्तिगत साफ-सफाईके प्रोटोकॉल और श्वसन संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की। बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी, विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर,  गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय,  जहाजरानीऔर रसायन एवं उर्वरकराज्य मंत्री श्री मनसुख मंडावियाऔर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणराज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबेके साथ-साथ सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग डॉ विनोद के. पॉलऔर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफश्री बिपिन रावतभी मौजूद थे।

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