विशेष रूप से नॉन-कोविड हॉस्पिटल में काम कर रहे डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को पहले लिखित में सारी जानकारी अब देनी होगी |
नई दिल्ली: दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला द्वारा आज जारी आदेश में साफ तौर पर डॉक्टर्स और अन्य हेल्थ केयर स्टाफ को कहा गया है कि किसी भी संक्रमित डॉक्टर्स को क्वारंटाइन होने से पहले उनको लिखित में देना होगा की वो कहाँ से और कैसे इन्फेक्टेड हुए हैं |
विशेष रूप से नॉन-कोविड हॉस्पिटल में काम कर रहे डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को पहले लिखित में सारी जानकारी अब देनी होगी | आदेश में कहा गया है कि इस तरह की खबर आ रही है की नॉन-कोविद हॉस्पिटल के डॉक्टर और नर्सेज और अन्य स्टाफ को अनावश्यक रूप से कोरोना संक्रमण के नाम पर 14 दिन के लिए क्वारंटाइन हो रहे हैं जिससे मेडिकल स्टाफ की कमी हो रही है और मरीजों से भी भेद-भाव किया जा रहा है | यह पता चला है कि निजी क्षेत्र के कुछ अस्पताल कोविड-19 संक्रमण के भय के कारण या अस्पताल/क्लीनिक बंद रखकर डायलसिस, खून चढ़ाने और कीमोथैरेपी जैसी अहम सुविधाएं देने में झिझक रहे हैं |
इससे पहले दिल्ली सरकार ने विशेष रूप से निजी क्षेत्र के अस्पतालों एवं क्लीनिकों को यह सुनिश्चित करने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया कि देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच उन मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने से इनकार नहीं किया जाए, जिन्हें डायलसिस, खून चढ़ाने या कीमोथैरेपी जैसी अहम स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है। दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला द्वारा जारी आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि कोविड-19 के मरीजों का उपचार नहीं कर रहे अस्पताल एवं नर्सिंग होम इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनका ‘‘पंजीकरण रद्द कर दिया‘‘ जाएगा।
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