दिल्ली समेत पुरे देश में बढ़ते कोरोना के कहर पर किस तरह की सावधानी बरतने की जरुरत है, बता रहें है दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध यूरोलोजिस्ट डॉ अनिल गोयल
दिल्ली समेत पुरे देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है | बीते तीन दिन से लगातार कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक नया रिकॉर्ड बना रहा है | बीते 24 घण्टे में दिल्ली में 571 नए कोरोना के केस सामने आए हैं, जो किसी भी एक दिन में आई अब तक की सबसे बड़ी संख्या है | इस बढ़ोतरी ने दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या को 11659 पर पहुंचा दिया है वहीं अगर पुरे देश की बात करें तो ये आंकड़ा एक लाख को पार कर 1,15,572 पर पंहुच चुका है | आज मेडलार्ज के ‘आपका डॉक्टर’ कॉलम में इस विषय पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं गोयल हॉस्पिटल एंड यूरोलॉजी सेंटर के निदेशक डॉ अनिल गोयल | पेश है करोना के बढ़ते संक्रमण पर उनसे बातचीत |
1. दिल्ली में 500+ मामले अब रोज आने लगे है. केंद्र और राज्य की मशीनरी दोनो लगी लेकिन किन कारणों से हालात खराब हुये
देखिये जितने ज्यादा टेस्ट होंगे, तो मरीजों की संख्या बढ़ेगी | इस वक्त में डिस्कशन इस पर नही होना चाहिए की आकंडा बढ़ रहा है, आप जितने टेस्ट करेंगे ये नंबर बढेगा ही | इस समय बात इस पर होनी चाहिए की उनमे से कितने किस केटेगरी के हैं | कितने माइल्ड है, कितने लोग मॉडरेट हैं और कितने लोग सीवियर केटेगरी में हैं | स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार एक लाख से ऊपर संक्रमित होने के बावजूद मात्र 300 के आसपास वेंटीलेटर पर है, इसका मतलब है सीवियर की संख्या बहुत ही कम है | बाक़ी माइल्ड और मॉडरेट केटेगरी में बहुत से लोग होम क्वारंटाइन में भी है | जितने ज्यादे टेस्ट होंगे उतने ही ये आंकड़ा बढेगा | पर हमें ये देखना है की सीवियर की संख्या ज्यादा न हो | उस पर रोक लगाना जरुरी है | हॉस्पिटल फैसिलिटी अब बेहतर हो गयी है और जल्द ही हम सभी मिलकर कोरोना को हराने में कामयाब हो जायेंगे |
2. दिल्ली में अब सबकुछ खुल चुका है, यह कितना खतरनाक है।
देश को तो अब जीविका के साधन के बारे में भी सोचना पड़ेगा | जान और जहान दोनों के बारे में सोचना पड़ेगा | केंद्र ने भी डोमेस्टिक फ्लाइट और रेल सेवा खोल रहा है | अगर अर्थव्यवस्था को बचाना है तो खोलना तो जरुरी है | लेकिन अब लोगों की जिम्मेवारी ज्यादा बढ़ गयी है, लोगों को चाहिए की कोरोना धर्म की पालन करें | फिजिकल डिस्टेंस का पालन करें | हाइजिन पर ध्यान दें | आनाव्यश्क घर से बाहर ना निकलें | सरकार ने तो गाइडलाइन्स बना दी है बस में मात्र 20 लोग बैठ सकते हैं, ओला-उबर के लिए नियम है पर पालन तो लोगों को खुद से ही करना पड़ेगा | लोगों को खुद की स्वास्थ्य की चिंता तो करनी ही पड़ेगी |
3. दिल्ली में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी कोरोना मैनजमेंट में बहुत कम है, इसे कैसे बढ़ाया जाये?
सरकार के पास अभी पर्याप्य संसाधन है करोना को नियंत्रण करने के लिए | पर्याप्त संख्या में हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध है और सबको मिल रहा है | केंद्र सरकार ने भी कहा है की संसाधन की कोई कमी नही है | अगर दिल्ली में ऐसा कुछ होता है तो निश्चय ही प्राइवेट सेक्टर हेल्थकेयर से मदद ली जाएगी और उन्हें आगे आना होगा | फ़िलहाल इस समस्या से निपटने में सरकार सक्षम पूर्ण रूप से सक्षम है |
4. न दवा है और न वैक्सीन की कोई उम्मीद, ऐसे में आगे यह बीमारी क्या कर्व लेगी।
फ़िलहाल तो लगता है की हमें Covid-19 के साथ ही जीना पड़ेगा | साथ ही हमे आर्थिक गतिविधि को भी चला पड़ेगा | जब तक कोई वैक्सीन नही आता है हमें पूरी सावधानी से अपनी जिन्दगी जीना पड़ेगा | करोना से डरने की जरुरत नही है, सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों को पालन करते हुए हमें इसका सामना करना है | हमें ध्यान रखना है कि गंभीर मरीजों की संख्या ज्यादा न बढ़े, तभी हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं | साकार इस दिशा में बेहतर काम कर रही है |
5. कोरोना के चलते अन्य बीमारियों से प्रभावित मरीज भी खतरे में है लेकिन अभी तक सरकारी असप्तलाओ में ओपीडी बंद पड़े है इससे हेल्थ बर्डन कितना बढ़ा है।
धीरे धीरे ओपीडी खुलना अब शुरू हो रहा है | लेकिन अभी मरीज भी आने से परहेज करते हैं जब तक लॉकडाउन चल रहा है | हाँ उसके बाद थोडा सा बर्डन तो बढेगा पर धीरे – धीरे स्थिति नियंत्रण में आ जायेगा | अब प्राइवेट सेक्टर में भी ओपीडी खुलने लगे हैं |
6. टेस्ट का दायरा अभी और कितना बढ़ना जरूरी है?
टेस्ट का दायरा तो बढ़ा है और यही कारन है की मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है | ICMR अपनी टेस्टिंग क्षमता कई गुणा बढ़ाया है | टेस्ट का दायरा अभी और बढेगा | देश में ही कई तरह के एंटीजन और एंटीबाडी टेस्ट किट अब धीरे-धीरे विकसित होने लगे हैं | पहले हम कम टेस्ट कर रहे थे तो मरीजों की संख्या कम थी | अब हम ज्यादा टेस्ट करने लगे हैं तो संख्या बढ़ने लगी है | ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान अब होने लगी है |
7. क्या आपको लगता है कि RTPCR का रेट 4500 रुपये ज्यादा है, इसे और कम किया जाना चाहिये
हाँ, बिलकुल कम किया जाना चाहिए | अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश में RTPCR मात्र 2500 में होता है | अगर ज्यादे टेस्टिंग करना है तो देश में बन रहे एंटीजन किट टेस्ट को जल्दी बाजार में आना चाहिए | इससे टेस्टिंग संख्या भी बढ़ेगी | और इससे लगता है एंटीजन टेस्टिंग 700 से 1000 में हो जायेगा |
8. अभी तक कोई रैपिड टेस्ट का तरीका नही, क्या आने वाले दिनों में कोई उम्मीद है?
रैपिड टेस्ट सर्विलांस के लिए होता है, डाइअग्नोसीस के लिए नही होता | शरीर में एंटीबॉडीज का पता लगाती है रैपिड टेस्ट किट | कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जांच के लिए एंटीबॉडीज खास होता है | अब ICMR के निर्देशानुसार देश में ही एंटीबॉडीज किट बनने लगी है |
9. आखिर में लोगों को क्या सलाह देना चाहेंगे?
आम जनता को अब अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी | पांच मंत्र को हमेशा अपनाना होगा | लॉकडाउन नहीं भी है तो भी अनाव्यश्क घर से बाहर नही निकलें | सोशल डिस्टेंस का पालन करें | जब भी निकले मास्क एवं ग्लव्स का उपयोग करें | हाथ 20 सेकंड तक धोएं | पर्सनल हाइजीन पर विशेष घ्यान दें |
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