दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार अस्पतालों और नर्सिंग होम में कोरोना मरीजों के बेड रिजर्वेशन मामले में जल्द फैसला लें. आपको बता दें कि इस याचिका के जरिए आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल सरकार कोरोना को लेकर बनाई गई केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है.
केंद्र सरकार ने 28 मार्च को कोरोना को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी की थी. इसमें कहा गया था कि कोरोना का इलाज करने वाले जो अस्पताल हों, उनके एग्जिट और एंट्री गेट अलग-अलग होने चाहिए, ताकि मरीज एक-दूसरे के संपर्क में न आएं और संक्रमण का खतरा न रहे. लेकिन दिल्ली सरकार ने 24 मई को आदेश जारी कर जिन 107 प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को कोरोना के लिए 20 फीसदी बेड देने का आदेश दिया, उनमें से कई में यह सुविधा नहीं है.
इन अस्पतालों में पहले से अन्य बीमारियों के मरीज इलाजरत हैं और ऐसे में अगर वहां कोरोना के मरीज आते हैं, तो पहले से मौजूद मरीजों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि राज्य सरकार इस फैसले को खारिज करे. इसपर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फिलहाल दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि इस सरकार इस मामले में जल्द से जल्द फैसला लें.
                    
                                                                                

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