सर्दियो के शुरू होते ही कोरोना के प्रकोप का खतरा मंडराने लगा है लेकिन इस बीच एक अच्छी ख़बर भी आयी है।
एक नये शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविड के मरीजों में बनने वाली ऐंटीबॉडी 7 महीने तक बनी रहती है। इसका मतलब ये हुआ कि ऐसे लोगो में दुबारा कोविड इन्फेक्शन का खतरा 7 महीने तक कम है और उनके अंदर बनी ऐंटीबॉडी 7 महीने तक कवच का काम करेगी।
यूरोपियन जनरल ऑफ इम्मुनोलोजी मे पब्लिश इस शोध को आईआईएम पुर्तगाल के वैज्ञानिको ने किया है। इसके लिए उन्होंने 300 कोविड मरीजों के अलावा 2500 यूनिवर्सिटी स्टाफ के सैंपल का सीरोलॉजी टेस्ट किया और फिर डेटा का अध्ययन किया। इस अध्ययन में ये भी पाया गया कि कोविड के खिलाफ बनने वाले ऐंटीबॉडी के लिए ऐज फैक्टर जैसी कोई चीज नहीं है।
अध्ययन में यह जानकारी भी काफी दिलचस्प है कि मरीज के शरीर मे सिम्पटम के 3 हफ्ते बाद तक एंटीबाडी के निर्माण का क्लासिक पैटर्न दिखता है और फिर उसके बाद इसमे गिरावट दर्ज होने लगती है।यह जानकारी भी रोचक है कि पुरूष के शरीर मे महिलाओं के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनती है।
इससे पहले के अध्ययनों में एंटीबाडी को लेकर 3 महीने की पुख्ता जानकारी सामने आई थी। लेकिन जैसे जैसे इन बीमारी का फेज आगे बढ़ रहा है वैज्ञानिकों के पास और ज्यादा सैंपल और उसके डेटा के अध्ययन का अवसर भी मिल रहा है जिससे नई जानकारियां सामने आ रही है।
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