दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यो ने भले ही सबके लिए कोरोना वैक्सीन की मांग की हो, लेकिन केंद्र ने साफ कर दिया कि सबको टीका देना संभव नहीं है. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीका का मकसद मौत को कम करना है. इसलिए जिसको ज्यादा जरूरत है, उसे टीका दिया जा रहा है. स्वास्थ्य सचिव ने इस दौरान दूसरे देशों का हवाला भी दिया और कहा कि कहीं भी सबको टीका नहीं दिया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, टीकाकरण से हर्ड इम्युनिटी हासिल करना मुश्किल है. 80 फीसदी टीकाकरण के बावजूद मामले आ सकते हैं. लेकिन यह जरूर है कि टीका के जरिए कोरोना से मौत पर काबू पाया जा सकता है. आपको बता दें कि अब तक देशभर में 8 करोड़ 31 लाख लोगों को वैक्सीन दिया जा चुका है. टीकाकरण में टॉप 5 राज्य हैं, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल.
लेकिन बावजूद इसके, टीकाकरण अगर मौजूदा रफ्तार से ही चलता रहा, तो पूरे देश में टीकाकरण का प्रोग्राम अगले 5 साल में पूरा होगा. गौरतलब है कि देश भर में कोविड के आंकड़े प्रतिदिन लगभग 1 लाख से ज़्यादा आ रहे हैं और इस बीच दिल्ली सहित महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में नाईट कर्फ्यू लगाया जा रहा है. फिर से कोविड प्रोटोकॉल को दुरूस्त किया जा रहा है. इस बीच नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी के पॉल का बयान भी काफी अहम है कि अगले 4 हफ्ते खतरों से भरे होंगे.
जिस तरह से कोविड का इन्फेक्शन और डबलिंग रेट की बढ़ती रफ्तार दिखाई दे रही है, उससे देशभर में ये आंकड़े अगले एक महीने तक बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं. केंद्र ने सोमवार को ही महाराष्ट्र, पंजाब और छतीसगढ़ में 50 सदस्यों वाली टीम भेजी है. इन राज्यो में कोविड नया रिकॉर्ड बना रहा है. आनेवाले 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री, कोविड से पैदा हुए हालात के मद्देनजर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से उपायों पर चर्चा करेंगे.
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