ब्लड पॉइजनिंग का खतरा, ई कोली बैक्टीरिया कितना खतरनाक?
फूड पॉइजनिंग के खतरे और कारण तो आप जरूर जानते होंगे, लेकिन क्या आप ब्लड पॉइजनिंग के बारे में जानते हैं? क्या आपने कभी वैंपायर बैक्टीरिया के बारे में पढ़ा है? क्या हैं इसके खतरे और किस तरह यह हमारे शरीर में जाकर गंभीर खतरे पैदा कर सकता है, मौत का कारण बन सकता है?
वैंपायर बैक्टीरिया कितना खतरनाक?
वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खून पीने वाले बैक्टीरिया पर अध्ययन कर पाया है की कुछ बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में चले जाते हैं और ब्लड पॉइजनिंग का कारण बनते हैं। ये खून के अंदर मौजूद फ्लूइड या सीरम की ओर आकर्षित होते हैं और यहां वे अमीनो एसिड एल – सेरीन को भोजन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं जो व्यक्ति के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इस स्टडी में रिसर्चर्स ने इसे बैक्टिरियल वैंपायर की संज्ञा दी है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं का फोकस इंटेस्टाइन यानी आंत में पाए जाने वाले तीन तरह के बैक्टीरिया की प्रजाति पर था। ये बैक्टीरिया एंट्रोबैक्टीरियासीस फैमिली से आते हैं। इन्हे सालमोनेला एंट्रिका, एसचेरिचिया कोली और सिट्रोबैक्टर कोसेरी कहते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इंसानों के सीरम के संपर्क में आते हीं ये बैक्टीरिया एक्शन में आते हैं और वैंपायर जैसा लक्षण दिखाते हैं। इस फैमली के बैक्टीरिया ज्यादातर ब्लडस्ट्रीम इन्फेक्शन पैदा करते है जिससे सेप्सिस या ब्लड पॉइजनिंग का खतरा होता है ।
शोध के परिणाम क्या कहते हैं?
अध्ययन में यह पाया गया की इस फैमिली के ज्यादातर बैक्टीरिया इंटेस्टाइन यानी आंतो में रहते हैं। जो लोग IBD यानी इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज का शिकार होते हैं, उन लोगो के ब्लड स्ट्रीम में इसके इन्फेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा पाया जाता है । ई लाइफ जर्नल में पब्लिश इस अध्ययन में इस बात का भी जिक्र किया गया है की इस तरफ के बैक्टीरिया में वैंपायर और ड्रैकुला जैसे प्रवृतियां ब्लड स्ट्रीम इन्फेक्शन के कारगर इलाज के तौर पर भी आजमाई जा सकती है और इससे भविष्य में नई दवाओं के निर्माण में मदद मिल सकती हैं। और ये दवाएं सफल रहीं तो IBD वाले लोगों के जीवन में नया बदलाव लाया जा सकता हैं। साथ ही जिन लोगों को भी ब्लड स्ट्रीम इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है वे भविष्य में इस शोध आधारित इलाज का लाभ उठा सकते हैं। Research से जुड़े लोगों का पक्का विश्वास इसलिए भी दिखाई देता है क्योंकि उनका मानना है की जब एस एंटरीका, ई कोली और सी कोसेरी को इंसानी सीरम दिया गया तब इसके प्रभाव में बैक्टीरिया की संख्या में तेजी से कमी आई।
क्या है ई कोली बैक्टीरिया?
हमारे इंटेस्टाइन यानी आंतो में कई तरह के बैक्ट्रिया पाए जाते हैं । जहां तक ई कोली का सवाल है, इस फैमिली के ज्यादातर बैक्टीरिया नुकसान नहीं पहुंचाते और हेल्दी इंटेस्टाइन के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इनमें से कुछ गंभीर बीमारियो के कारण भी बन जाते हैं जैसे की ब्लड स्ट्रीम इन्फेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, डायरिया, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन। जो ई कोली बैक्टीरिया इस तरह के गंभीर बीमारियो का कारण बनते है , शरीर में उनका प्रवेश दूषित खाना और पानी से होता हैं। विशेष रूप से कच्छी सब्जियां, अधपका मांस, कच्छा दूध, पनीर, दूषित सब्जियां और दूषित अंकुरित अनाज भी खतरा पैदा करने वाले ई कोली बैक्टीरिया के इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।
Comments