उतराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ सख्त कदम उठाया है और पतंजलि के दृष्टि आई ड्रॉप से लेकर मधुनाशिनी वटी तक बैन कर दिया है।
कोरोना के इलाज को लेकर भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से लगातार फटकार खा रहे बाबा रामदेव पर उत्तराखंड की सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। 30 अप्रैल यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि के द्वारा भ्रामक विज्ञापन और उसके बाद माफीनामे से संबंधित मामले की सुनवाई होनी है। इस मामले में कोर्ट ने सरकार को भी फटकार लगाई थी।
इस सुनवाई के ठीक पहले उत्तराखंड सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। हरिद्वार के औषधि निरक्षक , जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है की संबंधित फर्म द्वारा वांछित सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इस आदेश से पतंजलि के जिन दवाओं का लाइसेंस कैंसल किया गया है उसमे दिव्य फार्मेसी के मधुनाशिनि वटी, दृष्टि आई ड्रॉप, श्वासरी गोल्ड,श्वासरी वटी, श्वासरी प्रवाही, श्वासरी अवलेह, ब्रोंकोम, मुक्त वटी एक्स्ट्रा पॉवर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रीट, लिवामृत एडवांस और आई ग्रिट गोल्ड जैसे आयुर्वेदिक मेडिसिन ब्रांड शामिल हैं।
उत्तराखंड औषधि विभाग ने कहा की उनके उत्पादों के प्रभाव के बारे में बार बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित करने के कारण यह कदम उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में लाइसेंसिंग निकाय ने कहा है की उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित 14 उत्पादों को बैन किया है ।
इसके साथ ही ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159(1) के प्रावधानों के मुताबिक इन उत्पादों के निर्माण पर भी बैन लगा दिया गया है। इस आदेश के खिलाफ अपील में जाने के लिए पतंजलि को तीन महीने का समय दिया गया है।
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