ICMR ने अपनी गाइडलाइन में हेल्थी डाइट के साथ साथ कुकिंग के लिए स्वस्थ और सुरक्षित बर्तनों पर भी दिशा निर्देश जारी किए हैं, साथ ही यह भी भ्रांति दूर की है की माइक्रोवेव और एयर फ्रायर में पकने वाले भोजन के गंभीर साइड इफेक्ट्स होते हैं.
खान पान की खराबी से 56 तरह की होने वाली बीमारियां, उससे बचाव के उपाय और हेल्दी डाइट की गाइडलाइन के साथ साथ आईसीएमआर ने घरेलू इस्तेमाल के बर्तनों पर भी अध्ययन किया है। इस अध्ययन में पाया गया है की हमारे किचन में इस्तेमाल हो रहे कौन से बर्तन सेहत के लिए अच्छे हैं और किस तरह के बर्तन को इस्तेमाल से बाहर कर देना चाहिए। साथ एक जरूरी सवाल को भी एड्रेस करने की कोशिश की गई है की माइक्रोवेव और एयर फ्रायर का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है, इससे कोई हेल्थ हेजार्ड तो नहीं!
इस आर्टिकल के माध्यम से आइए जानते है घरेलू इस्तेमाल के बर्तन और उनसे होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में.
मिट्टी के बर्तन
आईसीएमआर के मुताबिक मिट्टी के बर्तन में बनने वाला खाना अमृत के समान है। ये इको फ्रेंडली हैं और सबसे सुरक्षित कुकवेयर माने जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है की ये कम तेल सोखते हैं और इनमें पकने के बाद भोजन में उसका पोषक तत्त्व बरकरार रहता है।
मेटल के बर्तन
घेरलू इस्तेमाल में सर्वाधिक स्पेस मेटल के बर्तनों ने ले रखी है जिसमे लोहा, एल्युमिनियम, स्टील, ब्रास, और स्टेनलेस स्टील के बर्तनों ने ले रखी है। इन बर्तनों में जब खाना पकाया जाता है तो ये मेटल भी हमारे भोजन में घुलते मिलते रहते हैं ।इन बर्तनों में चटनी , अचार, सांभर या अन्य तरह के एसिडिक खाने नहीं रखने चाहिए, ये नुकसानदेह है।
स्टेनलेस स्टील के बर्तन
धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे स्टेनलेस स्टील के बर्तनों पर आईसीएमआर ने अपने अध्ययन में पाया है की इनका इस्तेमाल बेहतर तरीके से किया जाए तो यह सुरक्षित हैं । स्टेनलेस स्टील की खासियत है की यह टिकाऊ होते है, इनमे जंग नहीं लगता और फूड के साथ नॉन रिएक्टिव होते हैं। ये एसिडिक और एल्कलाइन फूड के साथ भी रिएक्ट नहीं करते इसलिए इनका इस्तेमाल दुनिया भर में होता है।
नॉन स्टिक बर्तन
कम तेल, चिकनाई मुक्त भोजन के नाम पर नॉन स्टिक बर्तनों की मांग बाजार में खूब रहती है लेकिन क्या आप जानते हैं की 170 डिग्री से ज्यादा हीट होने पर ये खतरनाक कैमिकल छोड़ते हैं। साथ हीं अगर इनकी कोटिंग उखड़ जाए तो इन्हे तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए अन्यथा ये केमिकल आपके भोजन में मिलकर शरीर में जाते हैं और घातक बीमारियों के कारण बन जाते हैं।
ग्रेनाइट स्टोन के बर्तन
ग्रेनाइट के बर्तन आज भी कई घरों में इस्तेमाल में देखे जा सकते हैं। अगर इन बर्तनों पर टेफलॉन की कोटिंग न की जाए तो यह सुरक्षित होते हैं लेकिन टेफलॉन की कोटिंग वाले सेहत के लिए सही नहीं है।
माइक्रोवेव का इस्तेमाल
आईसीएमआर ने माइक्रोवेव के इस्तेमाल को सुरक्षित माना है । रिपोर्ट के मुताबिक किसी अन्य विधि से खाना पकाने की तुलना में माइक्रोवेव में पकने वाले खाने में पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। इस तरह आईसीएमआर ने इस मिथक को भी ख़ारिज किया है की माइक्रोवेव में खाना पकाना सुरक्षित नहीं है।
एयर फ्रायर का इस्तेमाल
डीप फ्राई के स्वाद को कम तेल के बनाए रखने के लिए एयर फ्रायर एक बेहतर विकल्प बताया गया है। कम तेल सोखने एक कारण एयर फ्रायर में बनने वाला भोजन मोटापे का कारण नही बनता और यह एक सुरक्षित विकल्प के तौर पर देखा गया है। स्टार्च से युक्त फूड जैसे आलू, शकरकंद को भी इसमें पकाना बेहतर माना जा सकता है। वहीं एयर फ्रायर में मछली पकाने इसके पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड(ओमेगा 3, जिसे हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है) की मात्रा कम कर सकता है, साथ हीं इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड्स को बढ़ावा दे सकता है।
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