हर आइसक्रीम दूध का नहीं बना होता, आइसक्रीम के शक्ल में बनने वाला फ्रोजन डेजर्ट में मिला होता है पाम ऑयल जो आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
कुछ मीठा हो जाए, खाने के बाद ऐसी तलब तो भारतीयों के स्वाद पर जमाने से रही है। इस डिमांड की पूर्ति के लिए गुड, मिठाई से लेकर गर्मियों में आइसक्रीम का चलन भी खूब देखा जाता है। वैसे भी गर्मी के दिनो मे आइसक्रीम की चाहत कभी भी हो सकती है। आइसक्रीम के क्रेजी लोग ठंडी रबड़ी, कुल्फी, फ्लेवर्ड आइसक्रीम सहित कई विकल्प इस्तेमाल करते हैं जिसमे चुपके चुपके आइसक्रीम की शक्ल में फ्रोजन डेजर्ट ने भी जगह बना लिया है। देखने में बिल्कुल आइसक्रीम की तरह और स्वाद में भी हू ब हू। प्रोडक्शन कॉस्ट में सस्ता और दाम भी किफायती लिहाजा बाजार में आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजन डेजर्ट का मार्केट शेयर लगातार बढ़ता चला जा रहा है। लेकिन इसके सेवन से होने वाले नुकसान के खतरे कम हीं लोग जानते हैं। इसलिए आपको ये जानना जरूरी है की आप क्या खा रहे हैं और उसका क्या नुकसान आपको झेलना पड़ सकता है।
फ्रोजन डेजर्ट में दूध नही वनस्पति ऑयल है
सबसे पहले यह आपके लिए जानना जरूरी है की फ्रोजन डेजर्ट दूध से नहीं बल्कि वेजिटेबल ऑयल से बना होता है जैसे की पाम ऑयल। अगर आप इसके पैकेज पर देखें तो साफ साफ इसकी मात्रा भी लिखी होती है जो कम से कम 10 फीसदी होती है । गौरतलब ये है की इसमें ओरिजनल मिल्क का इस्तेमाल हीं नहीं होता बल्कि यह केमिकल के यूज से बनता है। जानकारी के मुताबिक यह मिल्क पाउडर के यूज से बना होता है जो डायबिटीज और क्लोरेस्ट्रोल के खतरे को बढ़ा सकता है । ऐसे प्रोडक्ट के लगातार सेवन से हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
फ्रोजन डेजर्ट और लिक्विड ग्लूकोज
फ्रोजन डेजर्ट में लिक्विड ग्लूकोज का इस्तेमाल भी होता है। लिक्विड ग्लूकोज चीनी की जगह इस्तेमाल में लाया जाता है और इससे डेजर्ट की खूबसूरती में भी चार चांद लग जाता है जो आपको खाने में आकर्षित करता है। लेकिन जरा सोचिए की ग्लूकोज की यह मात्रा अनजाने में डेजर्ट खाने वाले डायबिटिक मरीजों पर क्या कहर ढा सकती है। ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल से नॉन डायबिटिक लोगों में भी इसका खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आइसक्रीम के दीवाने अपने बच्चों के बारे में सोचिए की उनके स्वास्थ्य पर इसका कितना बुरा असर होता होगा।
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