भारत में लगभग 22 करोड़ वयस्कों को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) होने का अनुमान है। इसके निदान, उपचार और नियंत्रण में कई अंतराल हैं, जिसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है और पूरे महीने को उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित किया जाता है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वाकांक्षी 75/25 पहल की शुरुआत की है, जिसमें 2025 तक 75 मिलियन वयस्कों को उच्च रक्तचाप या मधुमेह के इलाज पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
सामान्य जनता के बीच उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, 24 मई 2024 को एक सार्वजनिक व्याख्यान और पैनल चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे और बीपी की माप, घर पर निगरानी, रोकथाम, उपचार और नियंत्रण, तनाव प्रबंधन, तंबाकू छोड़ने और जटिलताओं सहित विषयों पर चर्चा की जाएगी।
उच्च रक्तचाप की जांच के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें शैक्षिक संस्थानों, जैसे स्कूलों, की भागीदारी और जुड़ाव शामिल हैं, ताकि युवाओं में बढ़ते बीपी के बोझ को कम किया जा सके।
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