आपको मूत्र संक्रमण (UTI) की पहचान के लिए 48 घंटे तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता अब नहीं रहेगी। स्वीडन स्थित Sysmex Astrego द्वारा विकसित एक नवीनतम डायग्नोस्टिक टेस्ट, PA-100 AST सिस्टम, अब केवल 15 मिनट में सटीकता से मूत्र संक्रमण की पहचान कर सकता है और 45 मिनट के भीतर यह बता सकता है कि कौन सा एंटीबायोटिक आपके लिए प्रभावी होगा। इस प्रणाली ने लंदन के साइंस म्यूजियम में प्रतिष्ठित £8 मिलियन (85 करोड़ रुपये) का Longitude Prize on AMR जीता है।
परीक्षण की विशेषताएँ
यह उच्च-तकनीकी, तेज पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट मात्र 400 माइक्रोलिटर (आधा मिलीलीटर से भी कम) मूत्र के नमूने का उपयोग करता है। एक स्मार्टफोन के आकार के कार्ट्रिज में मूत्र का यह नमूना डाला जाता है, जिसमें एक चिप होती है। इसमें मूत्र में मौजूद बैक्टीरिया को 10,000 माइक्रोफ्लूडिक ट्रैप्स में फंसाया जाता है और पांच अलग-अलग एंटीबायोटिक्स के संपर्क में लाया जाता है। नमूने को एक विश्लेषक यूनिट में डाला जाता है, जो एक जूते के डिब्बे के आकार का होता है। यहाँ बैक्टीरिया की वृद्धि की छवियों के माध्यम से निगरानी की जाती है।
परीक्षण की सटीकता
यह परीक्षण 90 प्रतिशत सटीकता प्रदान करता है, जबकि पारंपरिक मूत्र डिपस्टिक विधि केवल 60 प्रतिशत सटीक होती है। पहली बार, एक पॉइंट-ऑफ-केयर टेस्ट में बैक्टीरिया और उसकी विशिष्ट दवाओं के प्रति संवेदनशीलता की पहचान की क्षमता है, जो यह देखता है कि रोगी का संक्रमण विभिन्न एंटीबायोटिक्स पर वास्तविक समय में कैसे प्रतिक्रिया करता है। इससे एंटीबायोटिक्स का त्वरित और उचित उपयोग संभव हो सकता है, जो सुपरबग संकट का मुकाबला करने और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) को रोकने में मदद कर सकता है।
चिकित्सीय लाभ
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक “एंटीबायोटिक्स का त्वरित और उचित उपयोग – सही समय पर सही रोगी के लिए उचित एंटीबायोटिक का चयन करना – जीवन बचा सकता है और सुपरबग संकट को रोक सकता है।” वर्तमान मूत्र डिपस्टिक परीक्षण डॉक्टर को सही एंटीबायोटिक चुनने में मदद नहीं करता। चूंकि कल्चर के परिणाम आने में दो से तीन दिन लगते हैं, डॉक्टर को अनुमान के आधार पर एंटीबायोटिक शुरू करना पड़ता है। परिणाम आने तक, रोगी पहले से ही एंटीबायोटिक का पूरा या आधा कोर्स पूरा कर चुका होता है, जो उसकी स्थिति के लिए विशिष्ट नहीं हो सकता।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध संकट
अंधाधुंध एंटीबायोटिक प्रिस्क्रिप्शन एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस संकट का प्रमुख कारण है, विशेष रूप से भारत जैसे देशों में। लगभग 20-30 प्रतिशत सेप्सिस रोगियों में संक्रमण मूत्र पथ से उत्पन्न होता है। दो में से एक गंभीर सेप्सिस विकसित करने वाले व्यक्ति अपनी जान गंवा सकते हैं। इसलिए, तेज और सटीक पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षण भारत जैसे देश में लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं।
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