non alcoholic fatty liver disease

भागदौड़ भरी जिंदगी में गैस्ट्राइटिस एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। ज़्यादातर मामलों में गैस्ट्राइटिस एक सामान्य बीमारी होती है और थोड़े से खानपान में बदलाव से यह ठीक हो जाती है।

हालांकि, कुछ मामलों में यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। अतः यदि आप नियमित रूप से गैस्ट्राइटिस से जूझ रहे हैं तो एक बार चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

दिनचर्या में कुछ चीज़ों के बदलाव से भी आप ज़्यादातर मामलों में गैस्ट्राइटिस से छुटकारा पा सकते हैं:

  • अम्लीय और वसायुक्त भोजन से बचें।
  • हमेशा कोशिश करें कि सुबह का नाश्ता अच्छे से करें।
  • खाली पेट चाय या कॉफी पीने से बचें।
  • नॉन-स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लेने से बचें। (ज्यादातर दर्द निवारक दवाएं इस केटेगरी में आती हैं)
  • रात का भोजन हल्का रखें।
  • एच. पाइलोरी जीवाणु का संक्रमण गैस्ट्राइटिस का एक प्रमुख कारण है। इसके संक्रमण से बचने के लिए उचित तरीके से हाथ धोएं तथा अच्छे तरीके से पका हुआ भोजन खाएं।
  • अपने तनाव को उचित ढंग से प्रबंधित करना सीखें और पूरी नींद लें।
  • शराब या अन्य नशे की चीज़ों का सेवन न करें।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप गैस्ट्राइटिस से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। अगर समस्या बनी रहती है, तो चिकित्सक से परामर्श लेना न भूलें।

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