High BP

आजकल थोड़ा सा गला खराब हुआ और लोग तुरंत एंटीबायोटिक दवाएं लेने लगते हैं। पेट खराब हो या थोड़ी सी सर्दी, खांसी हो, थोड़ा बुखार आए, या चोट लग जाए, हर समस्या का हल एंटीबायोटिक्स में ढूंढा जा रहा है। यही नहीं, लोग अपने परिवार वालों को और पड़ोसियों को भी सलाह देने लगते हैं कि दो गोली एंटीबायोटिक की लो और तुरंत ठीक हो जाओगे।

दवा की दुकानों पर काम करने वाले भी अब डॉक्टर बन बैठे हैं और हर बीमारी के लिए एंटीबायोटिक देना जरूरी समझते हैं। यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरियल इन्फेक्शन में ही काम करती हैं। वायरल बीमारियों, जैसे कि सर्दी, खांसी, बुखार, जो सीजन बदलने या अन्य वायरल इंफेक्शन के कारण होती हैं, में एंटीबायोटिक्स का कोई प्रभाव नहीं होता।

बार-बार और बिना सोचे-समझे एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  1. आप अपने पेट के अच्छे बैक्टीरिया को मार रहे हैं, जिससे आपके पेट की सेहत को ठीक होने में महीनों लग सकते हैं।
  2. आप बीमारी वाले बैक्टीरिया को मजबूत बना रहे हैं, जिससे अगली बार यह दवा काम करना बंद कर सकती है।
  3. भले ही यह 5 से 10 गोलियां हो, यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं।
  4. उचित मार्गदर्शन में एंटीबायोटिक का सेवन न करना भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है। जाने अनजाने आप कई जीवन रक्षक एंटीबायोटिक का दुष्प्रयोग करते हैं जिससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में भविष्य में होने वाले इन्फेक्शन के खिलाफ कई एंटीबायोटिक प्रभावशाली नही रह पाते है और बीमारी जानलेवा बन जाती है।

इसलिए, एंटीबायोटिक्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें और समझदारी से इनका उपयोग करें। यह आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

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