बरसात के इस मौसम में उमस, गर्मी और बारिश के कारण सांप अपने बिल से निकलकर बाहर आ जाते हैं। इस मौसम में सर्प दंश (Snake Bite) की घटनाओं में भी काफी वृद्धि होती है। लेकिन भारत में आज भी दूर दराज के इलाकों में , या फिर ग्रामीण अंचल में सर्प दंश की घटनाओं के बाद मेडिकल एक्शन में इतनी देरी होती है की प्रभावित व्यक्ति की जान चली जाती है।
एक तो मनोवैज्ञानिक तौर पर लोग बिना जहर वाले सांप के काटने से भी बुरी तरह प्रभावित होते हैं, दूसरा ऐसी घटनाओं के बाद नुस्खा और झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ जाते है, ऐसे में अगर सांप जहरीला हुआ तो विष पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।
इसलिए साँप के काटने की स्थिति में त्वरित और सही कदम उठाना ज़रूरी है। इस संबंध में यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जिसे जानना और समझना बेहद जरूरी है।
सांप काटने की स्थिति में क्या करें क्या न करें
- मरीज़ को स्थिर करें और सांत्वना दें कि 70% साँप ज़हरीले नहीं होते।
- साँप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें। किसी ओझा या तांत्रिक के पास न जाएँ।
- बेल्ट, आभूषण, घड़ी, अंगूठियां आदि हटा दें, क्योंकि सूजन आ सकती है।
- शरीर पर कसाव वाली वस्तु न रखें।
- काटे गए स्थान पर ब्लेड या धारीदार वस्तु से न काटें।
- मरीज़ को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और डॉक्टरी उपचार करवाएं। समय बर्बाद न करें।
इस प्रकार के आपातकालीन स्थिति में त्वरित और सही कदम उठाना जीवन रक्षक हो सकता है।
नोट: इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी और जागरूकता है, किसी भी मेडिकल कंडीशन के लिए नजदीकी चिकित्सा केंद्र में संपर्क करें।
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