dengue

डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के नाम से जाना जाता है, एक गंभीर वायरल बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह बीमारी शरीर और जोड़ों में अत्यधिक दर्द, तेज बुखार, और कमजोरी जैसे लक्षणों के साथ प्रकट होती है।

डेंगू का कारण और फैलाव
डेंगू वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जिसे धारीदार मच्छर भी कहा जाता है। यह मच्छर दिन के समय अधिक सक्रिय रहता है और अक्सर घरों के आसपास जमा साफ पानी में पनपता है।

डेंगू बुखार के प्रकार और लक्षण
डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है:

  1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार:
    इसमें अचानक तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, अत्यधिक कमजोरी, भूख में कमी, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का दर्द और शरीर पर लाल रैश (ददोरे) जैसे लक्षण होते हैं। यह स्वयं ठीक होने वाली बीमारी है और इससे मृत्यु नहीं होती।
  2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार (DHF):
    साधारण डेंगू के लक्षणों के साथ यदि नाक, मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना, और त्वचा पर काले-नीले धब्बे दिखाई दें तो यह डेंगू हेमोरेजिक बुखार हो सकता है, जो कि जानलेवा हो सकता है।
  3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS):
    इसमें रोगी होश खोने लगता है, नाड़ी धीमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है। यह स्थिति अत्यधिक गंभीर होती है और तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।

डेंगू बुखार का निदान
डेंगू बुखार की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं:

  • डेंगू NS1 एंटीजन टेस्ट
  • डेंगू एंटीबॉडी टेस्ट (IgM, IgG)
  • RT-PCR टेस्ट

डेंगू बुखार का इलाज
डेंगू बुखार के इलाज में मुख्य रूप से लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है:

  • पेरासिटामोल की गोली से बुखार कम करें।
  • डिस्प्रिन और एस्प्रिन जैसी दवाएं न दें।
  • बुखार को कम करने के लिए ठंडी पट्टी का उपयोग करें।
  • मरीज को सामान्य भोजन और खूब पानी दें।
  • हाइड्रेशन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • अगर DHF या DSS के लक्षण दिखें, तो अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट सकती है, इसलिए इन्हें बढ़ाने के लिए उचित आहार और घरेलू उपाय अपनाना चाहिए:

  • पपीते के पत्ते का काढ़ा पिएं।
  • विटामिन बी12 से भरपूर आहार जैसे अंडे, दूध, पनीर लें।
  • विटामिन C के लिए संतरा, आंवला, नींबू का सेवन करें।
  • फोलेट के लिए मूंगफली, राजमा, संतरे का रस लें।
  • आयरन के लिए कद्दू के बीज, मसूर की दाल, मांस और फल का सेवन करें।
  • खूब पानी पिएं और भरपूर आराम करें।

प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता कब पड़ती है?
डेंगू के गंभीर मामलों में जब प्लेटलेट्स की संख्या 20,000 से कम हो जाए, या लगातार घटती जा रही हो, और ब्लीडिंग के लक्षण दिखें, तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। यह निर्णय डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।

Note: यह अपडेट मेडिकल इनपुट्स पर आधारित है जिसका मकसद जागरूकता है।
किसी भी मेडिकल कंडीशन एंड इमरजेंसी के लिए अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें

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