Delhi Pollution Crisis

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। धुंध और प्रदूषित वायु के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिससे न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण और हेल्थ हजार्ड को देखते हुए सरकार ने GRAP 4 लागू कर दिया है।

*बढ़ते प्रदूषण के कारण*

विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कई कारण हैं। इनमें पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल प्रमुख हैं। सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाओं और नमी के कारण प्रदूषित कण वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं, जिससे धुंध की चादर पूरे शहर को ढक लेती है। CSE की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में घटते पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बढ़ती निजी गाड़ियों को प्रदूषण में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण बताया गया है। CSE यानि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में 50 फीसदी योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का है।

*प्रदूषण से हेल्थ इमरजेंसी*

प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सांस संबंधी बीमारियों, जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, लंबे समय तक प्रदूषित वायु में रहने से हृदय रोग, फेफड़ों के संक्रमण और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है।

*सरकार ने किया GRAP 4 लागू*

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP 4) के तहत निर्माण कार्यों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही, स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टियां कर दी गई हैं ।आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। दिल्ली सरकार ने लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करने की अपील की है।बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने 14 अक्टूबर को GRAP 1 लागू किया था, उसके बाद बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए GRAP 2, 3 और अब 4 लागू किया गया है।CPCB के डेटा के मुताबिक PM 2.5 की मात्रा हवा में एवरेज 500 के आसपास है।

*जनता की भूमिका

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए जनता की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। लोग अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा के लिए छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं, जैसे कारपूलिंग करना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना और अधिक से अधिक पेड़ लगाना।

*सांस लेने में हो रही दिक्कत तो क्या करें?*

डॉक्टरों ने दिल्लीवासियों को मास्क पहनने और सुबह-शाम बाहर जाने से बचने की सलाह दी है। वायु शुद्धिकरण यंत्रों (एयर प्यूरीफायर्स) का उपयोग करना और घर में पौधे लगाना भी मददगार साबित हो सकता है।

दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण न केवल एक पर्यावरणीय समस्या है, बल्कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट भी है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार, नागरिकों और औद्योगिक इकाइयों को मिलकर काम करना होगा। समय रहते ठोस कदम न उठाए गए तो यह संकट भविष्य में और भी विकराल रूप ले सकता है।

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