पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में स्थित BHU यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में अब एम्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और शिक्षा मंत्रालय के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस) को पीएमएसएसवाई (प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना) के तहत स्थापित नए एम्स के स्तर पर तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस पहल से क्षेत्रीय स्तर पर किफायती और अत्याधुनिक माध्यमिक एवं तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार होगा। साथ ही, उन्नत क्लीनिकल केयर सेवाओं की डिलीवरी को बढ़ावा देकर अन्य अस्पतालों में रेफरल की आवश्यकता को भी कम किया जाएगा।
‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण का उदाहरण
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा, “यह एमओयू ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण को मूर्त रूप देता है, जिसमें विभिन्न मंत्रालय साझा लक्ष्यों और जनहित के लिए मिलकर कार्य करते हैं। यह कदम क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा ढांचे को मजबूत बनाने में एक बड़ी उपलब्धि है।”
शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग होगा गहन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह एमओयू स्वास्थ्य मंत्रालय, एम्स और बीएचयू के आईएमएस के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को गहन करेगा। इसके तहत छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान की सुविधा दी जाएगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के नए आयाम खुलेंगे।”
इस समझौते से बनारस और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह कदम भारत के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में समन्वय और नवाचार को बढ़ावा देगा।
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