CBC Test

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को लेकर समाज में कई भ्रांतियां और मिथक प्रचलित हैं, जो न केवल लोगों को भ्रमित करते हैं बल्कि सही इलाज और जागरूकता में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर से जुड़ी इन गलतफहमियों को दूर करना बेहद ज़रूरी है। आइए, कैंसर से जुड़े कुछ आम मिथकों और उनके वैज्ञानिक तथ्यों को समझते हैं।

क्या कैंसर लाइलाज है?

ज़्यादातर लोग मानते हैं कि कैंसर का कोई इलाज नहीं है। लेकिन यह एक मिथक है। विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर का इलाज संभव है, बशर्ते कि इसका समय पर पता चल जाए। शुरुआती चरण में सही इलाज के ज़रिए कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच जाए या शरीर के कई हिस्सों में फैल जाए, तो इसे लाइलाज मान लिया जाता है।

क्या ज़्यादा चीनी खाने से कैंसर होता है?

यह भी एक आम मिथक है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि चीनी के सेवन और कैंसर के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। हालांकि, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हमेशा फायदेमंद होता है।

क्या बायोप्सी से कैंसर फैल सकता है?

कई लोग यह मानते हैं कि बायोप्सी कराने से कैंसर का प्रसार हो सकता है। लेकिन यह भी एक गलत धारणा है। बायोप्सी एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जो कैंसर की पहचान के लिए की जाती है। इसके फैलने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

क्या बिजली के तारों या मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कैंसर होता है?

यह एक और भ्रांति है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। अब तक हुए शोधों में यह साबित नहीं हुआ है कि बिजली के तारों या मोबाइल फोन से कैंसर का खतरा बढ़ता है।

अगर परिवार में किसी को कैंसर है तो क्या यह मुझे भी हो सकता है?

यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि केवल कुछ प्रकार के कैंसर ही आनुवांशिक होते हैं। परिवार में कैंसर का इतिहास होने पर इसकी संभावना केवल 5-10% होती है।

क्या अन्य चिकित्सा पद्धतियों से कैंसर का इलाज संभव है?

कई बार लोग वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का सहारा लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक केवल आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) ही कैंसर का प्रभावी इलाज प्रदान करती है। किसी भी अन्य चिकित्सा पद्धति से कैंसर का इलाज संभव नहीं है।

National Cancer Institute के अनुसार, सही जानकारी और समय पर इलाज के ज़रिए कैंसर का मुकाबला किया जा सकता है। कैंसर को लेकर फैले इन मिथकों से बचें और जागरूकता फैलाने में मदद करें। सही जानकारी के लिए हमेशा विशेषज्ञ से सलाह लें।

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