WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीबी निदान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पहली बार किसी डायग्नोस्टिक टेस्ट को प्रीक्वालिफाई किया है। इस टेस्ट का नाम एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ अल्ट्रा है, जो तेजी से टीबी बैक्टीरिया का पता लगाने में सक्षम है।
क्या है एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ अल्ट्रा टेस्ट?
यह एक उन्नत और तेज़ परीक्षण तकनीक है, जिसे स्वास्थ्य उपकरण निर्माता कंपनी सेफियड ने विकसित किया है। यह टेस्ट कुछ ही घंटों में टीबी संक्रमण की पहचान कर लेता है, जिससे समय पर उपचार शुरू किया जा सकता है।
टीबी नियंत्रण में अहम कदम
इस प्रीक्वालिफिकेशन के साथ, एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ अल्ट्रा टेस्ट दुनिया भर के उन देशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जहां टीबी का प्रकोप अधिक है। 2023 में 8.2 मिलियन नए टीबी मामलों के साथ, यह तकनीकी नवाचार टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक नया आशा का संदेश है।
तेजी और सटीकता पर जोर
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह टेस्ट न केवल तेजी से परिणाम देता है, बल्कि इसकी सटीकता भी उच्च स्तर की है। इसका उपयोग उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में टीबी के मामलों का शीघ्रता से पता लगाने और रोगियों को समय पर उपचार प्रदान करने में किया जा सकेगा।
भारत जैसे देशों के लिए बड़ा लाभ
भारत जैसे देशों के लिए, जहां टीबी एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है, यह टेस्ट स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद करेगा। डब्ल्यूएचओ की यह पहल टीबी के खिलाफ वैश्विक अभियान को गति देने और लाखों लोगों की जान बचाने में सहायक साबित हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य
डब्ल्यूएचओ का उद्देश्य 2030 तक टीबी को पूरी तरह से समाप्त करना है। इस दिशा में एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ अल्ट्रा जैसे नवाचार टीबी नियंत्रण रणनीति को और मजबूत करेंगे।
यह प्रीक्वालिफिकेशन न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने की वैश्विक प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। अब स्वास्थ्य विभागों और सरकारों को इस तकनीक को तेजी से अपनाने और इसे व्यापक स्तर पर लागू करने की दिशा में काम करना होगा।
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