देश में अचानक Heart Attack और अन्य अनपेक्षित मौतों को लेकर चल रही चिंताओं पर विराम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सदन में ICMR रिपोर्ट का हवाल दिया है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी रिसर्च के माध्यम से स्थिति स्पष्ट की है जिसका हवाला देते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन का युवाओं में हार्ट अटैक या अचानक मृत्यु के मामलों से कोई संबंध नहीं है।
यह अध्ययन 2023 के मई से अगस्त के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया, जिसमें 18 से 45 साल के उम्र वर्ग के 729 अचानक मृत्यु के मामलों और 2916 नियंत्रण मामलों (कंट्रोल्स) का विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- वैक्सीन ने घटाया मृत्यु का जोखिम:
रिसर्च में पाया गया कि कोविड-19 वैक्सीन की किसी भी खुराक ने अचानक मृत्यु के जोखिम को कम किया। दो खुराक लेने वालों में यह जोखिम और भी कम पाया गया। - जोखिम बढ़ाने वाले कारक:
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कुछ कारक अचानक मौत के मामलों को बढ़ाते हैं, जैसे:
पूर्व कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होने का इतिहास
परिवार में अचानक मृत्यु का इतिहास।
शराब का अत्यधिक सेवन (बिंज ड्रिंकिंग)।
नशे का सेवन।
तीव्र शारीरिक गतिविधियां।
AEFI निगरानी तंत्र मजबूत
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि वैक्सीन से जुड़ी किसी भी प्रतिकूल घटना (AEFI) पर निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत तंत्र मौजूद है। यह तंत्र राष्ट्रीय AEFI समिति के तहत काम करता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
लाइफस्टाइल के प्रभाव पर जोर
ICMR की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड वैक्सीन को अचानक मौतों से जोड़ना सही नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, जीवनशैली से जुड़े कुछ कारक और पारिवारिक इतिहास ऐसे मामलों में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
Covid VAccine को लेकर भरोसा बढ़ाने की अपील
यह रिपोर्ट वैक्सीन को लेकर जनता में फैली भ्रांतियों को दूर करने में सहायक हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीन ने न केवल लोगों को वायरस से बचाया, बल्कि अनपेक्षित मृत्यु के मामलों में भी जोखिम को कम किया है।
इस रिपोर्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग वैक्सीन को लेकर विश्वास बनाए रखें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
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