चीन और अमेरिका के बीच हालिया ‘लहसुन विवाद’ ने भारत में भी हलचल मचा दी है। चीनी लहसुन एशिया से लेकर अमेरिकी बाजारों में और वहां से उपभोक्ता की थाली में पहुंचता है। अमेरिका के सीनेटर रिक स्कॉट ने चीनी लहसुन पर गंभीर सवाल उठाए है। उनके आरोपों के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या चीन से आयातित लहसुन भारतीय उपभोक्ताओं के लिए भी हानिकारक हो सकता है?
चीनी लहसुन और भारत
भारत में बड़े पैमाने पर चीनी लहसुन का आयात किया जाता है। यह स्थानीय लहसुन की तुलना में सफेद, बड़ी कलियों वाला और सस्ता होता है। लेकिन यह सस्ता विकल्प क्या स्वास्थ्य के लिए महंगा पड़ सकता है?
रिक स्कॉट के आरोप: क्या भारत भी प्रभावित है?
अमेरिकी सीनेटर रिक स्कॉट का दावा है कि चीनी लहसुन गंदे सीवेज में उगाया जाता है और इसे बाल मजदूरी और बंधुआ मजदूरी के जरिए तैयार किया जाता है। उन्होंने इसे मानवता और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया। रिक स्कॉट ने अमेरिकी एजेंसियों से इस मामले की गहराई से जांच करने का आग्रह किया है। अगर यह आरोप सही हैं, तो भारतीय बाजारों में उपलब्ध चीनी लहसुन की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
संभावित स्वास्थ्य नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार, सीवेज में उगाए गए और रसायनों से भरपूर चीनी लहसुन के सेवन से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
- भारी धातुओं का असर: लहसुन में सीसा, कैडमियम और आर्सेनिक जैसे जहरीले तत्व हो सकते हैं, जो लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- संक्रमण का खतरा: गंदे पानी में उगने के कारण इसमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं।
- एलर्जी और रासायनिक प्रभाव: अधिक मात्रा में कीटनाशक और रसायन हार्मोनल असंतुलन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
- पोषण की कमी: ऐसे लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों का स्तर कम होता है।
भारतीय बाजारों में स्थिति
भारत में आयातित खाद्य पदार्थों पर सख्त निगरानी की जरूरत है। हालांकि, खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार, आयातित लहसुन की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए, लेकिन बड़े पैमाने पर खपत और कम लागत के कारण इन मानकों का पालन हमेशा सुनिश्चित नहीं होता।
चीनी विदेश मंत्रालय की तीखी प्रतिक्रिया
सीनेटर के इन आरोपों पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कड़ा जवाब दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन दावों को “बेतुका” करार दिया और कहा, “मुझे यकीन है कि लहसुन ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि वह अमेरिका के लिए इतना बड़ा खतरा बन सकता है।”
उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?
- स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें: भारतीय स्थानीय लहसुन पोषण से भरपूर होता है और सुरक्षित भी है।
- स्रोत की जांच करें: आयातित लहसुन खरीदते समय इसकी गुणवत्ता और प्रमाण पत्र की जांच करें।
- जागरूकता बढ़ाएं: सरकार और उपभोक्ता संगठनों को इस मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
सरकार की भूमिका
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को चीनी लहसुन की गुणवत्ता की सख्त जांच करनी चाहिए। साथ ही, आयात पर कड़े नियम लागू करने और स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
चीनी लहसुन का मुद्दा केवल स्वाद और कीमत तक सीमित नहीं है। यह स्वास्थ्य, नैतिकता और कृषि आत्मनिर्भरता से जुड़ा बड़ा सवाल है। भारत को इस विवाद से सबक लेकर न केवल अपने उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, बल्कि स्थानीय उत्पादकों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।
“स्वाद के साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि रसोई में आने वाली हर चीज का असर हमारे जीवन पर पड़ता है।”
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