अगर आपको अक्सर कच्चे चावल, चॉकलेट, मीठा या तले-भुने खाने की तीव्र इच्छा होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। ये अजीब खाने की ललक आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी का संकेत हो सकती हैं। आइए जानते हैं इन क्रेविंग्स के पीछे की संभावित वजहें और उनसे निपटने के उपाय।
कच्चे चावल और बर्फ खाने की ललक
संकेत: आयरन की कमी
वजह: कच्चे चावल या बर्फ चबाने की इच्छा पिका नामक स्थिति को दर्शा सकती है, जो शरीर में आयरन की कमी का संकेत देती है।
उपाय: आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, अनार, और बीन्स का सेवन करें। साथ ही, रोजाना 25 mg आयरन बिस्ग्लाइसिनेट सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
चॉकलेट खाने की तीव्र इच्छा
संकेत: मैग्नीशियम की कमी
वजह: चॉकलेट, खासकर डार्क चॉकलेट, मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। शरीर में इसकी कमी होने पर मांसपेशियों को आराम देने और मूड बेहतर करने के लिए चॉकलेट खाने की ललक हो सकती है।
उपाय: डार्क चॉकलेट के अलावा बादाम, काजू और हरी सब्जियां खाएं। जरूरत हो तो 300-400 mg मैग्नीशियम ग्लाइसिनेट का सप्लीमेंट लें।
मीठा खाने की तीव्र ललक
संकेत: जिंक, क्रोमियम, मैग्नीशियम या आयरन की कमी
वजह: कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर के संतुलन के लिए ये खनिज आवश्यक हैं। इनकी कमी मीठा खाने की इच्छा बढ़ा सकती है।
उपाय: फल, नट्स और बीन्स जैसी चीजें खाएं। सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
नमकीन खाने की तलब
संकेत: इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या सोडियम/पोटैशियम की कमी
वजह: शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का सही संतुलन न होने पर नमकीन खाने की इच्छा होती है।
उपाय: नारियल पानी, केले, और पत्तेदार सब्जियां खाएं। प्यास बुझाने के लिए नमक और शक्कर के संतुलित घोल का सेवन करें।
फैटी फूड्स की तलब
संकेत: कैल्शियम की कमी
वजह: कैल्शियम की कमी फैटी फूड्स खाने की इच्छा बढ़ा सकती है।
उपाय: कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, केल और चिया सीड्स को आहार में शामिल करें। सप्लीमेंट्स पर निर्भर होने के बजाय प्राकृतिक स्रोतों से कैल्शियम पाना बेहतर है।
सावधानियां और सलाह
अगर आपकी क्रेविंग्स लगातार बनी रहती हैं या बेहद तीव्र हैं, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लें।
अजीब खाने की ललक को हल्के में न लें। यह आपके शरीर की पोषण संबंधी जरूरतों को दर्शा सकती है। संतुलित आहार और सही पोषक तत्वों की पूर्ति से आप इन क्रेविंग्स को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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