भारत मलेरिया उन्मूलन की दिशा में बड़ी प्रगति कर चुका है, लेकिन इस बीमारी से पूरी तरह मुक्त होने का लक्ष्य अभी भी अधूरा है। देश ने पिछले कुछ वर्षों में मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की है, फिर भी चुनौतियां बनी हुई हैं।
आंकड़े उम्मीद तो जगाते हैं, लेकिन चिंता भी बढ़ाते हैं।
स्वतंत्रता के समय 7.5 करोड़ वार्षिक मलेरिया मामलों से 2023 तक यह संख्या घटकर 20 लाख पर आ गई है। मलेरिया से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी 8 लाख से घटकर मात्र 83 रह गया है। 2023 में, 122 जिलों में मलेरिया के एक भी मामले दर्ज नहीं हुए। यह उपलब्धियां सराहनीय हैं, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि देश के कई हिस्सों में मलेरिया अभी भी एक गंभीर समस्या है।
शेष चुनौतियां
- ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में समस्या: मलेरिया का सबसे अधिक प्रभाव देश के दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में देखा जाता है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सीमित है।
- जलवायु परिवर्तन: बदलते मौसम और तापमान मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं।
- जागरूकता की कमी: ग्रामीण इलाकों में मलेरिया की रोकथाम के उपायों को लेकर जागरूकता की कमी अभी भी एक बड़ी बाधा है।
- स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: स्वास्थ्य सेवाओं की असमान उपलब्धता मलेरिया को नियंत्रित करने में एक बड़ी चुनौती है।
सरकार की रणनीतियां और उनका प्रभाव
मलेरिया उन्मूलन के लिए भारत सरकार ने नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन और नेशनल स्ट्रैटेजिक प्लान फॉर मलेरिया एलिमिनेशन (2023-2027) जैसी योजनाएं शुरू की हैं। हालांकि, इन योजनाओं का प्रभाव उन इलाकों में कम नजर आ रहा है, जहां मलेरिया की समस्या सबसे अधिक है।
भविष्य की राह
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक मलेरिया मुक्त देश बने, लेकिन यह तभी संभव है जब जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए, जागरूकता अभियान तेज किए जाएं और तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जाए।
मलेरिया उन्मूलन
एक सामूहिक जिम्मेदारी
सरकार के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बेहद जरूरी है। स्वच्छता, मच्छरदानी का उपयोग, और समय पर उपचार इस लड़ाई में महत्वपूर्ण हथियार हैं।
मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भारत का प्रयास सराहनीय है, लेकिन यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। देश को अपनी रणनीतियों को और मजबूत करना होगा ताकि 2030 का लक्ष्य वास्तविकता बन सके।
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