How to drink water


खाना खाने के बाद पेट में भोजन पचने की प्रक्रिया होती है, जिससे शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषण मिलता है। लेकिन अगर खाना सही तरीके से नहीं पचता, तो यह सड़ने लगता है, जिससे अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। भोजन का पाचन जठराग्नि पर निर्भर करता है, जो पेट में स्थित “आमाशय” (या जठर) में सक्रिय रहती है।

जठराग्नि का महत्व

जठराग्नि एक प्रकार की प्राकृतिक आग है, जो खाना पचाने का कार्य करती है। जैसे ही भोजन पेट में जाता है, जठराग्नि प्रदीप्त हो जाती है। यह प्रक्रिया स्वचालित होती है और तब तक चलती रहती है जब तक भोजन पूरी तरह पच नहीं जाता। परंतु अगर हमने खाना खाते ही ठंडा पानी पी लिया, तो यह जठराग्नि बुझ जाती है, जिससे पाचन प्रक्रिया बाधित हो जाती है।

पचने और सड़ने की प्रक्रिया

आयुर्वेद के अनुसार, खाना पचने पर शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं, जैसे मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डियां, और ऊर्जा। लेकिन खाना सड़ने पर जहरीले तत्व, जैसे यूरिक एसिड और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल), बनते हैं।

यूरिक एसिड: यह घुटनों, कंधों और कमर में दर्द का कारण बनता है।

खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल): यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने और हृदय रोगों का कारण बनता है।
जब यह जहरीले तत्व खून में प्रवेश करते हैं, तो दिल की नसों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

खाने के तुरंत बाद पानी क्यों न पिएं?

आयुर्वेदाचार्य वाग्भट्ट ने कहा है:
“भोजनान्ते विषं वारी”
इसका अर्थ है कि खाने के तुरंत बाद पानी पीना विष (जहर) के समान है।
खाना खाने के बाद पाचन के लिए जठराग्नि का जलना आवश्यक है। यह अग्नि भोजन को पेस्ट में बदलती है, जिससे शरीर को पोषण मिलता है। इस प्रक्रिया में लगभग 1 घंटे 48 मिनट का समय लगता है। अगर इस दौरान पानी पी लिया जाए, तो यह प्रक्रिया रुक जाती है, और पाचन की जगह सड़न शुरू हो जाती है।

स्वास्थ्य के लिए सुझाव

  1. खाना खाने के कम से कम 1-2 घंटे बाद ही पानी पिएं।
  2. भोजन के दौरान ज्यादा पानी न पिएं।
  3. पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने के लिए हल्के गर्म पानी का सेवन करें।
  4. जठराग्नि को सक्रिय रखने के लिए भोजन के बाद हल्का टहलें।

स्वस्थ जीवन के लिए पाचन प्रक्रिया का सही तरीके से होना आवश्यक है। खाने के तुरंत बाद पानी पीने की आदत छोड़कर हम पाचन को बेहतर बना सकते हैं और अनेक रोगों से बच सकते हैं। इसलिए, आयुर्वेद के इस अमूल्य ज्ञान को अपनाएं और स्वस्थ जीवन जिएं।

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