Intestine

आंतें ( Intestine ) केवल पाचन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि उन्हें हमारे शरीर का ‘दूसरा मस्तिष्क’ भी कहा जाता है। यह नाम उनकी विशेष स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली और मस्तिष्क से गहरे संबंधों के कारण दिया गया है। हाल के शोध बताते हैं कि आंतें हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

स्तिष्क और आंतों का गहरा संबंध

आंतों और मस्तिष्क के बीच संवाद वागस तंत्रिका (Vagus Nerve) के माध्यम से होता है। यह तंत्रिका गर्दन से होते हुए छाती और पेट तक फैली होती है। बेस्टसेलिंग लेखिका गिउलिया एंडर्स अपनी पुस्तक “द चार्मिंग गट” में वागस तंत्रिका को “टेलीफोन वायर” के रूप में संदर्भित करती हैं, जो आंतों और मस्तिष्क के बीच संदेश पहुंचाने का काम करती है।

मस्तिष्क शरीर के सभी अंगों को निर्देश देता है, लेकिन आंतें एकमात्र ऐसा अंग हैं जो मस्तिष्क से “कटने” के बाद भी स्वायत्त रूप से काम कर सकती हैं। इसका कारण आंतों का अपना तंत्रिका तंत्र है, जिसे वैज्ञानिक ‘एंटरिक नर्वस सिस्टम’ कहते हैं।

आंतों का ‘दूसरा मस्तिष्क’

आंतों के पास लाखों न्यूरॉन्स और सहायक कोशिकाओं का अपना तंत्र है। यह तंत्र शरीर में कई प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर्स, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन, का उत्पादन करता है, जो मूड और भावनाओं को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि आंतों का स्वास्थ्य सीधे मानसिक स्थिति और भावनात्मक संतुलन पर असर डालता है।

आंतों के असंतुलन का शरीर पर प्रभाव

अगर आंतें असंतुलित हो जाएं, तो इसका शरीर और मस्तिष्क पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं:

  1. पाचन संबंधी समस्याएं: आंतों की गड़बड़ी से अपच, गैस, और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर: खराब आंत स्वास्थ्य का संबंध चिंता, अवसाद, और मूड स्विंग्स से जोड़ा गया है।
  3. प्रतिरक्षा तंत्र की कमजोरी: आंतों में असंतुलन से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे शरीर बार-बार बीमार पड़ सकता है।
  4. त्वचा और ऊर्जा स्तर पर प्रभाव: आंत स्वास्थ्य का असर त्वचा की चमक और ऊर्जा स्तर पर भी पड़ता है।

आंतों का स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  1. संतुलित आहार: फाइबर, प्रोबायोटिक्स और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  2. तनाव प्रबंधन: तनाव आंतों को प्रभावित करता है, इसलिए ध्यान और योग जैसे उपाय अपनाएं।
  3. पर्याप्त पानी पिएं: जल का पर्याप्त सेवन आंतों के कार्य को सुचारू बनाए रखता है।
  4. नींद का ध्यान रखें: अच्छी नींद से आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।

आंतें न केवल शरीर के पाचन केंद्र हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक हैं। आंतों को ‘दूसरा मस्तिष्क’ कहना इसलिए सही है क्योंकि ये हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करती हैं। इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहतर जीवनशैली और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

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