अक्सर दर्द से राहत पाने के लिए लोग गर्म सेंक (हीट थेरेपी) का सहारा लेते हैं। कभी पानी गर्म कर लिया और ट्यूब में भरकर सेंकने लगे तो कभी पत्थर गर्म कर कपड़े में लपेटकर लोग सेंक लगाने लगते है। लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं की हर प्रकार के दर्द में गर्म सेंक करना हमेशा फायदेमंद नहीं होता। कई बार सेंक से समस्या विकराल हो जाती है। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
गर्म सेंक का प्रभाव
गर्म सेंक के दौरान, शरीर की रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसल्स) फैल जाती हैं, और उनकी पारगम्यता (परमिएबिलिटी) बढ़ जाती है। इसके कारण रक्त प्रवाह में तेजी आती है और प्रभावित हिस्से में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है।
इस प्रक्रिया से दर्द में कुछ समय के लिए राहत मिलती है, क्योंकि दर्द पैदा करने वाले पदार्थ एक स्थान पर केंद्रित नहीं रहते, बल्कि रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।
सेंक कब खतरा बन जाता है?
जब दर्द का कारण संक्रमण या सूजन हो, तो गर्म सेंक समस्या बढ़ा सकता है।
गर्मी के कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
कीटाणु और उनके मेटाबॉलिज्म के उत्पाद (जैसे टॉक्सिन्स) प्रभावित हिस्से से निकलकर शरीर के अन्य अंगों में पहुंच सकते हैं।
यह स्थिति संक्रमण को बढ़ा सकती है और दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकती है।
गर्म सेंक कब से बचना चाहिए?
- संक्रमण: यदि दर्द का कारण किसी प्रकार का संक्रमण है, तो गर्म सेंक से बचें।
- सूजन: सूजन वाले हिस्सों में गर्म सेंक करने से स्थिति बिगड़ सकती है।
- चोट: नई चोट पर गर्म सेंक करने से सूजन और दर्द बढ़ सकता है।
क्या करें?
दर्द का सही कारण जानने के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
यदि दर्द सूजन या संक्रमण के कारण हो, तो ठंडे सेंक (कोल्ड थेरेपी) का उपयोग करना बेहतर हो सकता है।
सही उपचार और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करें।
हर बार दर्द में गर्म सेंक करना सही नहीं है। इसके इस्तेमाल से पहले यह समझना जरूरी है कि दर्द का कारण क्या है। बिना उचित जानकारी के किए गए उपाय संक्रमण या अन्य जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें और आवश्यक होने पर विशेषज्ञ की सलाह लें।
Comments