Human Metapneumovirus

चीन में नई महामारी के दावों ने मीडिया और सोशल मीडिया में हलचल मचा दी है। वायरल वीडियो में अस्पतालों की भीड़भाड़ और श्वसन संबंधी वायरस, जैसे इन्फ्लुएंजा ए और Human Metapneumovirus (HMPV), के तेजी से फैलने की बात कही जा रही है। हालांकि, इन दावों की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बावजूद इसके चीन से वायरल हो रही तस्वीरों को देखकर पैनिक क्रिएट हो गया है। लोग यह सोचने को मजबूर हो गए हैं की दुनिया कोविड महामारी जैसे एक और खतरे के मुहाने पर खड़ी है।

सोशल मीडिया पर क्या कहा जा रहा है?

प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने दावा किया कि चीन के अस्पताल ऐसे मरीजों से पटे पड़े हैं जिन्हें सीवियर लंग इन्फेक्शन हैं। कुछ पोस्टों में कहा गया कि स्थिति इतनी गंभीर है कि चीन ने “आपातकाल की स्थिति” घोषित कर दी है। एक ट्वीट में लिखा गया, “चीन ने आपातकाल घोषित किया क्योंकि महामारी ने अस्पतालों और श्मशानों को भर दिया है।”

https://x.com/ndtvindia/status/1875106619740356857?t=qVPQ8f4iVFD8MjuZZIpsdA&s=19

वायरस और मौजूदा स्थिति

चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। HMPV, इन्फ्लुएंजा ए और माईकोप्लाज्मा न्यूमोनिया के मामले लगातार बढ़े हैं। बच्चों के अस्पतालों में न्यूमोनिया और “सफेद फेफड़े” के बढ़ते मामलों की वजह से दबाव देखा जा रहा है।

हालांकि, चीन के स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दावों को लेकर कोई आपातकालीन घोषणा नहीं की है। चीनी CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) ने श्वसन संक्रमणों में वृद्धि की बात स्वीकार की है, लेकिन इसे महामारी घोषित नहीं किया है।

श्मशानों और स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

सोशल मीडिया पर श्मशानों में लंबी कतारों और अस्पतालों में जगह की कमी की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। श्मशान सेवाओं के ऑपरेटरों ने मृत्यु दर में वृद्धि की बात कही है।

मीडिया रिपोर्ट्स क्या कहती हैं?

CNN ने 31 दिसंबर 2024 को बताया कि WHO ने चीन से COVID-19 की उत्पत्ति और मौजूदा स्थिति पर पारदर्शिता बरतने की अपील की है। WHO ने कहा कि महामारी के मूल कारणों को समझना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग जरूरी है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर किए जा रहे अधिकांश दावे बिना किसी ठोस प्रमाण के हैं।
ईटी (इकोनॉमिक टाइम्स) ने भी बताया कि एक्स पर एक सामुदायिक नोट में इन अफवाहों को बिना आधार बताया गया है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों को सत्यापित किए बिना उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अफवाहें लोगों में अनावश्यक डर और घबराहट पैदा कर सकती हैं।

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय क्या कह रहा है?

भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय चीन से आ रही खबरों पर नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ अतुल गोयल ने कहा कि Human Metapneumovirus (HMPV) एक सामान्य श्वसन वायरस है, जो आम सर्दी-जुकाम की तरह होता है। यह मुख्य रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।

https://x.com/DDNewslive/status/1875157657642033533?t=qAMbflFXu6iUuzk62Sj8HA&s=19

हाल ही में चीन में HMPV संक्रमण को लेकर खबरें सामने आई हैं। हालांकि, भारत में श्वसन संक्रमणों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद यह पाया गया है कि दिसंबर 2024 में संक्रमण के मामलों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है, और न ही किसी संस्थान से बड़े पैमाने पर संक्रमण की सूचना मिली है। डॉ. गोयल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं सतर्क हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

निष्कर्ष

हालांकि चीन में श्वसन संक्रमणों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। आधिकारिक पुष्टि के अभाव में, लोगों को केवल विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करना चाहिए। चीन और WHO की स्थिति पर नजर है, लेकिन अभी तक किसी भी आपातकाल की घोषणा नहीं हुई है।

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