चीन में HMVP से हड़कंप मचा है तो अमेरिका में इन दिनों Rabbit Fever रैबिट फीवर के फैलने से एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य चुनौती झेल रही है। रैबिट फीवर जिसे तुलारेमिया (Tularemia) कहा जाता है, यह बीमारी इंसानों और जानवरों में फैल रही है, खासतौर पर उन इलाकों में जहां खरगोशों और छोटे जंगली जानवरों की आबादी अधिक है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है।
क्या है Rabbit Fever ?
तुलारेमिया एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Francisella tularensis नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी सीधे संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने, दूषित पानी या भोजन का सेवन करने, और संक्रमित कीड़ों के काटने से फैलती है। यह मुख्य रूप से जंगली खरगोशों, चूहों, गिलहरियों और अन्य छोटे स्तनधारियों को प्रभावित करती है।
संक्रमण के लक्षण
Rabbit Fever के लक्षण तेजी से उभरते हैं और इसमें शामिल हैं:
तेज बुखार
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
थकान
त्वचा पर घाव या सूजन
सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)
अगर समय पर इलाज न हो तो यह संक्रमण जानलेवा हो सकता है।
बीमारी का फैलाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में तुलारेमिया के मामले बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से मिडवेस्ट और साउथर्न राज्यों में यह तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैक्टीरिया का प्रसार गर्मियों और वसंत ऋतु में अधिक होता है, क्योंकि इस दौरान कीड़े अधिक सक्रिय रहते हैं।
रोकथाम और इलाज
तुलारेमिया का इलाज एंटीबायोटिक्स के जरिए संभव है, लेकिन समय पर निदान बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को सावधान रहने और इन उपायों का पालन करने की सलाह दी है:
- जंगली जानवरों से दूरी बनाए रखें।
- मांस और भोजन को अच्छी तरह पकाकर खाएं।
- साफ और स्वच्छ पानी का उपयोग करें।
- कीटनाशक का उपयोग करें ताकि कीड़ों से बचा जा सके।
सरकार की चेतावनी
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इस बीमारी को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं और स्थानीय स्वास्थ्य विभागों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी का संक्रमण रोकने के लिए जनता में जागरूकता बेहद जरूरी है।Rabbit Fever को लेकर भारत में अभी तक कोई खतरा नहीं देखा गया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसे लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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