रील्स और शॉर्ट वीडियो देखने का चलन डिजिटल युग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। मनोरंजन और जानकारी के लिए यह माध्यम बेहद प्रभावी है, लेकिन इसकी अत्यधिक लत कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है। हाल ही में किए गए अध्ययनों ने यह खुलासा किया है कि रील्स और शॉर्ट वीडियो स्क्रॉल करने की आदत न केवल तनाव को बढ़ा सकती है बल्कि उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और हृदय रोग का खतरा भी पैदा कर सकती है।
रील्स स्क्रॉलिंग: आदत या लत?
रील्स और शॉर्ट वीडियो को लगातार स्क्रॉल करना एक डिजिटल लूप की तरह काम करता है। एक के बाद एक वीडियो देखने से हमारा मस्तिष्क डोपामिन नामक रसायन स्रावित करता है, जो हमें अस्थायी खुशी और सुकून का अनुभव कराता है। लेकिन, यह प्रक्रिया बार-बार होने पर मस्तिष्क को इसकी आदत हो जाती है। इस लत के कारण हमारा मस्तिष्क और शरीर लगातार सक्रिय स्थिति में रहते हैं, जिससे तनाव और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।
रील्स स्क्रॉलिंग और तनाव का वैज्ञानिक पहलू
जब हम लगातार स्क्रीन पर कंटेंट देखते हैं, तो हमारा मस्तिष्क सेंसरी ओवरलोड की स्थिति में पहुंच जाता है।
यह सेंसरी ओवरलोड मस्तिष्क के स्ट्रेस हार्मोन (कॉर्टिसोल) को बढ़ाता है, जो सीधे हमारे रक्तचाप को प्रभावित करता है।
लंबे समय तक इस स्थिति में रहने से हृदय पर दबाव बढ़ता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट या अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
अध्ययन क्या कहते हैं?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल
एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग औसतन दिन में 3-4 घंटे सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियो पर बिताते हैं, उनमें हाइपरटेंशन का खतरा 25-30% अधिक होता है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन
यह अध्ययन बताता है कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम के कारण नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि की कमी होती है। यह दोनों कारक हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ाते हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)
ICMR की रिपोर्ट में कहा गया है कि 18-35 आयु वर्ग के लोगों में डिजिटल प्लेटफॉर्म के अत्यधिक उपयोग के कारण हृदय रोग के मामलों में 40% की वृद्धि हुई है।
कैसे बढ़ता है उच्च रक्तचाप?
शारीरिक निष्क्रियता: लगातार स्क्रीन के सामने बैठने से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है।
नींद की कमी: देर रात तक स्क्रीन देखने से नींद का पैटर्न खराब होता है।
तनाव और चिंता: लगातार नई सामग्री देखना मस्तिष्क को आराम नहीं करने देता, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
- डिजिटल डिटॉक्स करें:
सप्ताह में कम से कम एक दिन बिना सोशल मीडिया के बिताएं।
रील्स देखने का समय निर्धारित करें, जैसे दिन में केवल 30 मिनट।
- शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं:
हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें और टहलें।
योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- स्क्रीन टाइम कम करें:
सोने से 1-2 घंटे पहले स्क्रीन का उपयोग बंद कर दें।
किताबें पढ़ें या अन्य क्रिएटिव गतिविधियों में समय बिताएं।
- संतुलित आहार लें:
फास्ट फूड की जगह हृदय को स्वस्थ रखने वाले भोजन जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
एडिटोरियल
रील्स और शॉर्ट वीडियो स्क्रॉलिंग की आदत, जो एक सामान्य मनोरंजन साधन की तरह लगती है, वास्तव में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। यह न केवल हमारी मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है, बल्कि हमारे हृदय और रक्तचाप पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। समय रहते इस आदत को नियंत्रित करना और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है, ताकि हम इन समस्याओं से बच सकें।
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