Guillain-Barre Syndrome

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में वृद्धि जारी है। अब तक 5 संदिग्ध मौतों की सूचना है, जबकि कुल मामलों की संख्या 158 तक पहुंच गई है। इनमें से 124 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

क्षेत्रवार वितरण:

पुणे शहर: 38 मामले

पिंपरी-चिंचवड़: 18 मामले

पुणे ग्रामीण: 10 मामले

अन्य जिलों: 11 मामले

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पुणे और उसके आसपास के क्षेत्रों में GBS के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

जांच और संभावित कारण:

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पानी के 160 नमूनों की जांच की, जिनमें से 8 दूषित पाए गए। सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के कुछ निजी बोरवेल के नमूनों में ई.कोली बैक्टीरिया की उपस्थिति पाई गई है, जो मल या पशु अपशिष्ट संदूषण का संकेत है। यह संदूषण GBS संक्रमण का कारण हो सकता है।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?

GBS एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी पूरी तरह से पक्षाघात हो सकता है।

लक्षण:

  1. हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता
  2. मांसपेशियों में तेजी से बढ़ती कमजोरी
  3. चलने या सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई
  4. चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी
  5. सांस लेने में परेशानी
  6. हृदय गति में अनियमितता
  7. दस्त जैसी पाचन समस्याएं

कारण:

बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण

कोविड-19, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण

इम्यून सिस्टम की असामान्य प्रतिक्रिया

महामारी की संभावना नहीं:

डॉक्टरों के अनुसार, GBS बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह महामारी का रूप नहीं लेगा। उपचार के साथ अधिकांश मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की अपील:

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे शुरुआती लक्षणों पर सतर्क रहें और तुरंत चिकित्सा सलाह लें। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर उपचार से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

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