शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य स्तर से बढ़ जाती है, तो यह गठिया (गाउट), जोड़ों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि नियमित योगाभ्यास से आप इसे प्राकृतिक रूप से नियंत्रित कर सकते हैं। योग न केवल मांसपेशियों को मज़बूती देता है, बल्कि शरीर को डिटॉक्सिफाई कर यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
यहाँ हम आपको 5 प्रभावी योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो यूरिक एसिड को कम करने में सहायक हो सकते हैं:
- भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन करते समय शरीर सांप की आकृति में आ जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी लचीली होती है और गुर्दे (किडनी) का उत्तेजन होता है। किडनी का सही ढंग से काम करना यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
कैसे करें:
पेट के बल लेट जाएं और हथेलियों को कंधों के पास रखें।
सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें।
इस स्थिति में 15-30 सेकंड रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
लाभ: रीढ़ की लचीलापन बढ़ती है, किडनी की कार्यक्षमता सुधरती है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करती है।
- सेतुबंधासन (Bridge Pose)
यह आसन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या आम हो जाती है, जिसे यह आसन कम करता है।
कैसे करें:
पीठ के बल लेटें और पैरों को घुटनों से मोड़ें।
पैरों और हाथों को ज़मीन पर टिकाएं और सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं।
15-30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
लाभ: रक्त संचार में सुधार, सूजन में कमी और मांसपेशियों में मजबूती।
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Spinal Twist)
स्पाइनल ट्विस्ट आसन शरीर के आंतरिक अंगों को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह लीवर और किडनी को सक्रिय करता है, जिससे यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालना आसान होता है।
कैसे करें:
ज़मीन पर बैठें और एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर के घुटने के पार रखें।
अब शरीर को मोड़े हुए पैर की ओर मोड़ें और हाथों को पीछे की ओर टिकाएं।
इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर दूसरी ओर दोहराएं।
लाभ: शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और पाचन क्रिया में सुधार होता है।
- अधोमुख श्वानासन (Downward Dog Pose)
यह आसन शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और किडनी की कार्यक्षमता को सक्रिय करता है। रक्त संचार अच्छा होने से यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहता है।
कैसे करें:
अपने हाथों और पैरों के बल आकर शरीर को त्रिभुज आकार दें।
सिर को नीचे रखें और एड़ियों को ज़मीन की ओर दबाएं।
20-30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
लाभ: रक्त संचार में सुधार, मांसपेशियों में खिंचाव और यूरिक एसिड नियंत्रित।
- बालासन (Child’s Pose)
बालासन नर्वस सिस्टम को शांत करता है और शरीर को गहराई से आराम देता है। यह आसन तनाव को कम करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और शरीर यूरिक एसिड को कुशलता से बाहर निकाल पाता है।
कैसे करें:
घुटनों के बल बैठें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
माथे को ज़मीन से लगाएं और हाथों को आगे की ओर फैलाएं।
30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
लाभ: मानसिक तनाव कम होता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
सावधानी और सलाह:
योग अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अगर किसी आसन को करने में दर्द या असुविधा महसूस हो, तो तुरंत रुक जाएं।
योगाभ्यास को संतुलित आहार और पर्याप्त जल सेवन के साथ अपनाएं।
सही खान-पान और नियमित योगाभ्यास से यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। भुजंगासन, सेतुबंधासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, अधोमुख श्वानासन और बालासन जैसे योगासन किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं, रक्त संचार को सुधारते हैं और सूजन को कम करते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और बिना दवाओं के अपने यूरिक एसिड को नियंत्रित रखें।
डिस्क्लेमर: इलाज के लिए प्रयुक्त आसनों के संदर्भ में अपने चिकित्सक से उचित सलाह अवश्य लें
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