aiims delhi

भारत के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली ने सर्जिकल देखभाल में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने सर्जिकल डिसिप्लिन्स विभाग में अत्याधुनिक सर्जिकल रोबोट स्थापित किया है। यह उपलब्धि एम्स को सरकारी क्षेत्र में जनरल सर्जरी के लिए रोबोटिक सर्जरी अपनाने वाला अग्रणी संस्थान बनाती है। इस तकनीकी नवाचार का उद्देश्य जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं को सटीकता और कुशलता से अंजाम देना है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज और तेजी से रिकवरी मिल सके।

रोबोटिक तकनीक से सर्जरी हुई आसान

एम्स दिल्ली में स्थापित इस सर्जिकल रोबोट के जरिए ऑपरेशन के दौरान तीन-आयामी (3D) दृश्य प्राप्त होता है, जिससे सर्जनों को ऑपरेटिव क्षेत्र को बेहतर तरीके से समझने और सटीकता से जटिल प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिलती है। यह तकनीक विशेष रूप से कोलोरेक्टल सर्जरी, इसोफेगेक्टॉमी और पैंक्रिएटिक सर्जरी जैसे जटिल ऑपरेशनों के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। रोबोटिक सर्जरी के कारण अब इन सर्जरी में जटिलताओं की संभावना कम हो गई है, साथ ही अस्पताल में मरीजों का भर्ती रहने का समय भी घटा है और वे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं।

सरकारी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की नई पहल

एम्स दिल्ली का यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि अब तक रोबोटिक सर्जरी मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों के निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध थी। सरकारी अस्पतालों में इसका सीमित उपयोग ही देखा गया था। एम्स ने इस पहल से सरकारी अस्पतालों में उन्नत चिकित्सा तकनीक की पहुंच को सुनिश्चित किया है, ताकि सभी वर्गों के मरीजों को इसका लाभ मिल सके।

सर्जिकल शिक्षा में भी बड़ा बदलाव

इस सर्जिकल रोबोट के स्थापित होने से न केवल मरीजों को फायदा होगा, बल्कि एम्स में प्रशिक्षण ले रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए भी यह एक वरदान साबित होगा। एम्स के सर्जिकल डिसिप्लिन्स विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सुनील चंबर ने कहा, “एम्स एक अकादमिक संस्थान है, जहां एक समय में 100 से अधिक सर्जिकल रेजिडेंट्स प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे होते हैं। रोबोटिक सर्जरी सिस्टम की सफलता से हमारे रेजिडेंट्स को विश्व स्तरीय तकनीक पर काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी स्किल्स वैश्विक मानकों के अनुरूप होंगी।”

250 से अधिक सफल सर्जरी, तेजी से बढ़ता कार्यक्रम

एम्स में पिछले दो महीनों में इस तकनीक का प्रयोग करते हुए लगभग 250 जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की गई हैं। यह आंकड़ा देश में सबसे तेजी से बढ़ते रोबोटिक सर्जरी कार्यक्रम के रूप में एम्स को स्थापित करता है। रोबोटिक सर्जरी की इस पहल से अब जटिल और जोखिम भरी सर्जरी भी अपेक्षाकृत आसान और सुरक्षित हो गई है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य में तकनीकी क्रांति की उम्मीद

एम्स दिल्ली की यह पहल अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीक को अपनाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सकता है। इस पहल से न केवल सर्जिकल प्रक्रियाओं में सुधार होगा, बल्कि देश में उन्नत चिकित्सा तकनीक की उपलब्धता भी बढ़ेगी।

एम्स का यह प्रयास स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत है, जो आने वाले समय में देश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी देखने को मिल सकती है।

Comments