AIIMS Rheumatology

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रूमेटोलॉजी विभाग में एक अत्याधुनिक वार्ड की स्थापना की गई है, जिसमें 20 बेड उपलब्ध कराए गए हैं। यह वार्ड आर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के मरीजों के इलाज के लिए समर्पित रहेगा। एम्स में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से कुछ को भर्ती करने की जरूरत होती है। इससे पहले, ऐसे मरीजों को अन्य वार्ड में रखा जाता था, लेकिन अब उन्हें इस विशेष वार्ड में भर्ती किया जा सकेगा।

HOD डॉ उमा कुमार ने कहा

रूमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने बताया कि अब मरीजों को विभागीय वार्ड में ही भर्ती किया जाएगा, जिससे उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में बेहतर इलाज मिल सकेगा। यह वार्ड शुक्रवार से रोगियों के लिए चालू कर दिया गया है और इसके लिए आवश्यक चिकित्सा कर्मियों की तैनाती की गई है।

https://x.com/_Rheuma/status/1892967113633182130?t=s1UWFRPGiDoj3QESYt2vyQ&s=19

सुविधाजनक और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं

यह नया वार्ड अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त, यहां ऑक्यूपेशनल थेरेपी और ब्लड टेस्ट जैसी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

गठिया के व्यापक प्रभाव

डॉ. उमा कुमार के अनुसार, गठिया केवल जोड़ों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि आंखों, किडनी, फेफड़ों और आंतों को भी प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में यह हृदय संबंधी समस्याओं, आंतों में गैंग्रीन और अत्यधिक रक्तस्राव जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिससे मरीजों को तुरंत भर्ती कर इलाज की आवश्यकता होती है।

रूमेटोलॉजी विभाग में उपचारित रोग

एम्स के रूमेटोलॉजी विभाग में हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी कई बीमारियों का इलाज किया जाता है, जिनमें ल्यूपस, स्पॉन्डिलाइटिस, सोरायसिस आर्थराइटिस, एंकिलोसिंग, गाउट, ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य ऑटोइम्यून विकार शामिल हैं। यह वार्ड देशभर से आने वाले मरीजों के लिए समर्पित रहेगा।

इस नई सुविधा से मरीजों को उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी और रूमेटोलॉजी से संबंधित रोगों के इलाज में और भी अधिक दक्षता आएगी।

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