Blood Cancer

भारत में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर का पता चलने के बाद देश में हर पांच में से तीन मरीजों की मृत्यु हो जाती है। यह अध्ययन GLOBOCAN 2022 के आंकड़ों पर आधारित है, जो 185 देशों में कैंसर की स्थिति पर डेटा प्रदान करता है।

भारत में कैंसर का बढ़ता खतरा

भारत दुनिया में कैंसर के नए मामलों में तीसरे स्थान पर है, जबकि चीन पहले और अमेरिका दूसरे स्थान पर है। ICMR के अनुसार, भारत में कैंसर से मृत्यु दर (incident-to-mortality ratio) लगभग 65% है, यानी कैंसर से पीड़ित हर पांच में से तीन मरीजों की जान चली जाती है। यह आंकड़ा चीन (50%) और अमेरिका (23%) की तुलना में कहीं अधिक चिंताजनक है।

अध्ययन के अनुसार, कैंसर के मामले और मृत्यु दर आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में भारत में कैंसर मृत्यु दर 64.7 प्रति 1,00,000 जनसंख्या है, जो 2050 तक बढ़कर 109.6 प्रति 1,00,000 हो सकती है।

महिलाओं पर अधिक प्रभाव

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं पर कैंसर का असर असमान रूप से अधिक पड़ता है। भारत में महिलाओं में कैंसर की संभावित दर 104.5 प्रति 1,00,000 पाई गई है, जबकि पुरुषों में यह दर 91.5 प्रति 1,00,000 है। मृत्यु दर के मामले में भी महिलाएं (64.2 प्रति 1,00,000) पुरुषों (62.2 प्रति 1,00,000) की तुलना में अधिक प्रभावित होती हैं।

उम्र और जीवनशैली का प्रभाव

बच्चे (0-14 वर्ष) और प्रजनन आयु (15-49 वर्ष) के लोगों में कैंसर विकसित होने की संभावना 0.1% से 2.3% के बीच है।

मध्यम आयु वर्ग (50-69 वर्ष) और बुजुर्गों (70+ वर्ष) में यह खतरा बढ़कर 8.3% से 10.3% तक हो जाता है।

अस्वस्थ खान-पान और गतिहीन जीवनशैली कैंसर जैसी गैर-संक्रामक बीमारियों के प्रमुख कारण हैं।

क्या है सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय?

डॉ प्रज्ञा शुक्ला, HOD, दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट का कहना है कि “कैंसर के खिलाफ लड़ाई बहु-आयामी होनी चाहिए। हमें जीवनशैली में बदलाव, संतुलित आहार और नियमित जांच के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।”

ICMR का सुझाव है कि कैंसर की जल्द पहचान और गुणवत्तापूर्ण उपचार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल और मीडिया अभियानों को मजबूत किया जाना चाहिए।

रकार की नई योजना: हर जिले में डे-केयर कैंसर सेंटर

कैंसर के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2025-26 के बजट में देश के सभी 759 जिलों में डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केंद्रों में कीमोथेरेपी, आवश्यक दवाएं और बायोप्सी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इन केंद्रों का उपयोग उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के लिए भी किया जाएगा, ताकि कैंसर के मामलों का जल्द पता लगाया जा सके।

भारत में कैंसर तेजी से एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन रहा है। यदि जल्द निदान, समय पर उपचार और जीवनशैली में सुधार को प्राथमिकता नहीं दी गई, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। ICMR और सरकार की योजनाएं इस संकट से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन और आम जनता में जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है।

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