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अहमदाबाद के ख्याति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में एंजियोप्लास्टी के बाद दो मरीजों की मौत के मामले ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया है कि मेहसाणा जिले के बोरिसाना गांव में आयोजित एक चिकित्सा शिविर के दौरान 19 मरीजों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से अधिकांश को एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता नहीं थी।

मामले का विवरण

चिकित्सा शिविर और भर्ती: 10 नवंबर को ख्याति हॉस्पिटल ने बोरिसाना गांव में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया। वहां से 19 मरीजों को आगे के इलाज के लिए अहमदाबाद स्थित अस्पताल लाया गया।

प्रक्रियाएं और मौतें: इनमें से 17 मरीजों की एंजियोग्राफी की गई, और 7 की एंजियोप्लास्टी कर दी गई। दुर्भाग्यवश, महेश गिरधरभाई बारोट (45) और नगरभाई सेनमा (59) की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हो गई।

अनावश्यक सर्जरी का आरोप: प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अधिकांश मरीजों को एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता नहीं थी, और यह प्रक्रिया बिना उचित अनुमति और जानकारी के की गई।

परिजनों का आक्रोश और कानूनी कार्रवाई:

मृतकों के परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और अनावश्यक सर्जरी करने का आरोप लगाया है। गुस्साए ग्रामीणों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने मामले में एंजियोप्लास्टी करने वाले डॉक्टर प्रशांत वजीरानी को गिरफ्तार कर लिया है।

सरकारी प्रतिक्रिया:

गुजरात सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए ख्याति हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) से ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इसके अलावा, अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। साथ हीं सरकार ने यह निर्देश दिया है की बिना अप्रूवल PM-JAY के तहत इस तरह के हेल्थ कैंप आयोजित नहीं किए जा सकते। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट से अप्रूवल लेना होगा और हेल्थ कैंप में हेल्थ डिपार्टमेंट का एक प्रतिनिधि भी रहेगा।

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