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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शराब के सेवन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। लंबे समय से यह चर्चा जोरो पर है कि शराब की सेफ लिमिट क्या है? बीयर या वाइन का कितना पैग नहीं होता है अनसेफ?

हालिया शोधों के अनुसार, शराब की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है, चाहे वह वाइन हो, बीयर हो या कोई अन्य एल्कोहॉलिक ड्रिंक। WHO ने स्पष्ट किया है कि शराब का एक घूंट भी उतना ही हानिकारक है जितना अधिक मात्रा में सेवन करना। कई लोगों के मन में यह भ्रम है कि सीमित मात्रा में शराब पीने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन संगठन के वैज्ञानिक निष्कर्ष इस धारणा को पूरी तरह खारिज करते हैं।

शराब और स्वास्थ्य: एक वैज्ञानिक अध्ययन

शराब के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों पर दशकों से शोध हो रहे हैं। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) पहले ही एल्कोहॉल को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन यानी कैंसर पैदा करने वाले सबसे खतरनाक तत्वों में शामिल कर चुकी है। यह वही श्रेणी है जिसमें तंबाकू और एस्बेस्टस जैसे पदार्थ आते हैं।

WHO यूरोपियन रीजन की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब से जुड़े आधे से अधिक कैंसर के मामले उन लोगों में देखे गए हैं जो कम या मध्यम मात्रा में शराब का सेवन करते हैं। यानी यह सोचना गलत है कि सिर्फ ज्यादा शराब पीने वाले ही बीमार होते हैं। रिसर्च बताती है कि यदि कोई व्यक्ति हफ्ते में 1.5 लीटर वाइन, 3.5 लीटर बीयर या 450 ml से कम शराब भी पीता है, तो भी उसे कैंसर होने का खतरा रहता है।

शराब के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम

WHO की रिपोर्ट में शराब से जुड़े कई गंभीर बीमारियों का उल्लेख किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  1. कैंसर का खतरा:

शराब के सेवन से कम से कम 7 प्रकार के कैंसर हो सकते हैं, जिनमें सबसे आम बॉवल कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर हैं।

  1. हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर:

शराब का सेवन रक्तचाप बढ़ा सकता है और हृदय रोगों की संभावना को दोगुना कर सकता है।

  1. लिवर डैमेज:

अधिक मात्रा में शराब पीने से लिवर सिरोसिस जैसी घातक बीमारी हो सकती है।

  1. मस्तिष्क पर प्रभाव:

शराब एक साइकोएक्टिव (मन और दिमाग को प्रभावित करने वाला) पदार्थ है, जो मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। यह डिप्रेशन, एंग्जायटी और याददाश्त कमजोर करने का कारण बन सकता है।

  1. डायबिटीज और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर:

कई लोग यह मानते हैं कि कम मात्रा में शराब पीने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है, लेकिन WHO ने इस धारणा को भी गलत बताया है।

क्या शराब की कोई “सेफ लिमिट” है?

WHO ने स्पष्ट रूप से कहा है कि शराब की कोई “सेफ लिमिट” नहीं होती। यानी यह मानना कि सीमित मात्रा में शराब पीना सुरक्षित है, पूरी तरह गलत है। जो लोग सोचते हैं कि रेड वाइन सेहत के लिए अच्छी होती है या गर्मी में बीयर पीना सुरक्षित है, वे गलतफहमी में हैं। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, शराब का कोई भी प्रकार—चाहे महंगी वाइन हो या सस्ती देसी शराब—स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। असली खतरा उसमें मौजूद एथेनॉल नामक रसायन से है, जो शरीर के बायोलॉजिकल सिस्टम को प्रभावित करता है और कैंसर का कारण बन सकता है।

WHO की चेतावनी: शराब से पूरी तरह बचें

WHO ने यह भी साफ किया है कि शराब पीने से होने वाले नुकसान से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है—इसे पूरी तरह छोड़ देना। संगठन ने यह भी बताया कि कोई भी शोध यह दावा नहीं करता कि कम शराब पीने से हृदय रोग या डायबिटीज का खतरा कम होता है। बल्कि, जितना अधिक शराब का सेवन किया जाता है, स्वास्थ्य पर उतना ही बुरा असर पड़ता है।

निष्कर्ष

WHO की यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो शराब को सिर्फ एक सोशल ड्रिंक मानते हैं। चाहे कोई व्यक्ति कभी-कभार पीता हो या रोजाना, शराब शरीर को नुकसान पहुंचाती ही है। यह सिर्फ लत नहीं लगाती, बल्कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बनती है। WHO की सलाह स्पष्ट है—अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल डिजिटल माध्यम में उपलब्ध शोध सामग्रियों पर आधारित है। किसी भी तरह में मेडिकल इश्यू के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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