आज के दौर में हृदय रोग दुनियाभर में मौतों का एक प्रमुख कारण बन चुका है। इनमें से कई समस्याओं की जड़ “खराब कोलेस्ट्रॉल” यानी LDL (Low-Density Lipoprotein) का बढ़ा हुआ स्तर है, जो धमनियों में प्लाक जमाकर रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि, सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। शोध बताते हैं कि कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके दिल की सेहत में सुधार कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे 10 बेहतरीन आहारों के बारे में बता रहे हैं, जो न केवल आपके LDL को कम कर सकते हैं, बल्कि आपके हृदय को भी मजबूत बना सकते हैं।
- ओट्स (Oats) – फाइबर का खजाना
ओट्स कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले सबसे बेहतरीन खाद्य पदार्थों में से एक है। यह घुलनशील फाइबर (Soluble Fiber) से भरपूर होता है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करता है।
शोध क्या कहता है?
एक अध्ययन के अनुसार, रोजाना 5 से 10 ग्राम घुलनशील फाइबर लेने से LDL कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है। ओट्स का सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है और दिल की बीमारियों का खतरा घटता है।
कैसे करें सेवन?
नाश्ते में दूध या दही के साथ ओट्स खाएं।
ओट्स से बने स्मूदी या दलिया का सेवन करें।
- नट्स (Nuts) – हेल्दी फैट्स का स्रोत
बादाम, अखरोट, पिस्ता और काजू जैसे नट्स में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स (Monounsaturated Fats) और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (Polyunsaturated Fats) होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
शोध क्या कहता है?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के अनुसार, रोजाना 30-50 ग्राम नट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
कैसे करें सेवन?
सुबह भीगे हुए बादाम और अखरोट खाएं।
सलाद या स्मूदी में नट्स मिलाकर सेवन करें।
- जैतून का तेल (Olive Oil) – दिल के लिए अमृत
जैतून के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
शोध क्या कहता है?
स्पेन में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा 30% तक कम हो जाता है।
कैसे करें सेवन?
सब्जियों को तलने के बजाय जैतून के तेल में भूनें।
सलाद ड्रेसिंग के रूप में इस्तेमाल करें।
- मछली (Fatty Fish) – ओमेगा-3 से भरपूर
सैल्मन, टूना और मैकेरल जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड्स को कम करके हृदय रोगों के खतरे को घटाते हैं।
शोध क्या कहता है?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, सप्ताह में 2 बार फैटी फिश खाने से हृदय रोग का खतरा 40% तक कम हो सकता है।
कैसे करें सेवन?
ग्रील्ड या स्टीम्ड मछली खाएं।
मछली का सूप या करी बनाकर सेवन करें।
- फलियां (Legumes) – प्रोटीन और फाइबर का पावरहाउस
चना, राजमा, मूंग और मसूर जैसी फलियां फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और वजन नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
शोध क्या कहता है?
कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल के अनुसार, रोजाना 100 ग्राम फलियां खाने से LDL को 5% तक कम किया जा सकता है।
कैसे करें सेवन?
दाल, चाट या सूप के रूप में खाएं।
अंकुरित दालों का सेवन करें।
- एवोकाडो (Avocado) – हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
एवोकाडो में फाइबर, मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और पोटेशियम होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
शोध क्या कहता है?
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के अनुसार, रोजाना एक एवोकाडो खाने से LDL को 13% तक कम किया जा सकता है।
कैसे करें सेवन?
एवोकाडो सलाद या सैंडविच में डालें।
स्मूदी में मिलाकर पिएं।
- सोया उत्पाद (Soy Products) – शाकाहारी प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत
सोया प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे टोफू, सोया मिल्क और सोया नट्स खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में असरदार माने जाते हैं।
शोध क्या कहता है?
FDA (Food and Drug Administration) के अनुसार, रोजाना 25 ग्राम सोया प्रोटीन का सेवन करने से LDL को 5-6% तक कम किया जा सकता है।
कैसे करें सेवन?
टोफू को सलाद या सब्जियों में मिलाएं।
सोया मिल्क का सेवन करें।
- फल और जामुन (Fruits & Berries) – विटामिन और फाइबर का खजाना
सेब, अंगूर, संतरा, स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी जैसे फल पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
स्वस्थ दिल के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। अगर आप अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो इन 8 आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके साथ ही, नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल वेब दुनिया में मौजूदा कंटेंट और रिसर्च पर आधारित है। किसी भी तरह के मेडिकल कंडीशन और ट्रीटमेंट के लिए रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से संपर्क करें
Comments