मौसम में जारी बदलाव और गर्मी की दस्तक से दिल्ली एनसीआर में फ्लू के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। खासतौर पर H1N1 (स्वाइन फ्लू) और इन्फ्लूएंजा बी के मामलों में तेजी देखी जा रही है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार जल्द ही एक बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा कर सकती है और आवश्यक स्वास्थ्य दिशानिर्देश जारी कर सकती है।
तेज़ बुखार और सांस की तकलीफ से जूझ रहे मरीज
राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में तेज़ बुखार, लंबे समय तक रहने वाली खांसी, गंभीर थकान और सांस लेने में परेशानी की शिकायत लेकर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। फ्लू का यह प्रकोप सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है, और कई मामलों में इसके लक्षण हफ्तों तक बने रह रहे हैं।
एक वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार, इन्फ्लूएंजा ए, इन्फ्लूएंजा बी, H1N1, H3N2 और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के मिश्रित मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया, “इस बार संक्रमण का स्ट्रेन काफी आक्रामक है, कई मामलों में यह सामान्य टेस्ट में पकड़ में नहीं आता, लेकिन लक्षण स्पष्ट रूप से वायरल फ्लू की ओर इशारा करते हैं।”
युवाओं में भी गंभीर लक्षण, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ी
डॉक्टरों का कहना है कि इस बार युवाओं में भी फ्लू के लक्षण गंभीर हो रहे हैं। 30 से 40 साल के मरीज भी तेज़ बदन दर्द, सीने में जकड़न और लगातार खांसी से जूझ रहे हैं। कई मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, जिससे वे आपातकालीन सेवाओं तक पहुंच रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, “कई लोग डॉक्टर से मिलने से पहले ही एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं, जो वायरस पर प्रभावी नहीं होती। फ्लू का इलाज आमतौर पर लक्षणों के अनुसार किया जाता है, हालांकि H1N1 और H3N2 के मामलों में विशेष दवाइयों की जरूरत पड़ती है।”
स्कूलों से घरों तक फैल रहा संक्रमण, बच्चों में बढ़ रही जटिलताएं
संक्रमण घरों में तेजी से फैल रहा है, खासतौर पर बच्चे स्कूल से यह वायरस लेकर आ रहे हैं। डॉक्टरों ने न्यूमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी जटिलताओं में भी बढ़ोतरी देखी है। “कई मरीज ब्रोंकाइटिस के कारण लगातार खांसी और सीने के संक्रमण से जूझ रहे हैं, जो पोस्ट-कोविड लक्षणों की तरह दिख रहे हैं। कई को इनहेलर, नेबुलाइज़र और स्टेरॉयड तक की जरूरत पड़ रही है।”
फ्लू वैक्सिनेशन दर कम होने से हालात बिगड़े
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में फ्लू वैक्सिनेशन की कम दर इस संक्रमण को और गंभीर बना रही है। “लोग हर साल सर्दियों से पहले फ्लू वैक्सीन नहीं लगवाते, जिससे जब संक्रमण फैलता है तो यह अधिक गंभीर हो जाता है।”
बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह
बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी है।
“हमें कोविड से सीखे गए सबक नहीं भूलने चाहिए। मास्क पहनना, स्वच्छता बनाए रखना और टीकाकरण करवाना संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है,” एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा।
दिल्ली सरकार जल्द ही स्थिति पर निर्णय लेते हुए नई गाइडलाइंस जारी कर सकती है ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।
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