Toothpaste Medlarge

अमेरिका में हुई एक हालिया रिसर्च ने टूथपेस्ट जैसे रोज़मर्रा के उपयोग में आने वाले उत्पाद को लेकर चौंकाने वाला सच उजागर किया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बाजार में उपलब्ध कई नामी टूथपेस्ट ब्रांड्स में विषैली भारी धातुएं — जैसे सीसा, आर्सेनिक, पारा और कैडमियम — चिंताजनक मात्रा में पाई गई हैं।

यह अध्ययन उपभोक्ता सुरक्षा से जुड़ी संस्था लीड सेफ मामा के तहत किया गया, जिसे सामाजिक कार्यकर्ता तमारा रूबिन ने शुरू किया था। उन्होंने बताया कि कुल 51 ब्रांड्स की जांच की गई, जिसमें से 90% में सीसा और 65% में आर्सेनिक जैसे खतरनाक तत्व मौजूद थे।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये जहरीले तत्व टूथपेस्ट में उपयोग होने वाले प्राकृतिक अवयवों से आ सकते हैं, जैसे कि हाइड्रॉक्सीएपेटाइट, कैल्शियम कार्बोनेट, और बेंटोनाइट क्ले। इनमें बेंटोनाइट क्ले को भारी धातुओं के संदूषण का मुख्य स्रोत माना गया है।

हालांकि, कुछ ब्रांड्स इन अवयवों को “प्राकृतिक” और “बच्चों के लिए सुरक्षित” बताकर प्रचार करते हैं, लेकिन हकीकत इससे बहुत अलग है। कई टूथपेस्ट ऐसे पाए गए जिन्हें FDA की सीमा के अंदर तो माना जा सकता है, लेकिन कई राज्यीय मानकों के अनुसार ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।

तमारा रूबिन ने अपने ब्लॉग और सोशल मीडिया के ज़रिए इन ब्रांड्स को लेकर लगातार चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम के चलते उन्हें कानूनी नोटिस भी मिले, लेकिन उन्होंने उपभोक्ता हित को प्राथमिकता दी।

विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि खासकर बच्चों के लिए ऐसे उत्पादों का उपयोग अत्यधिक नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि सीसे जैसी धातुएं न्यूरोलॉजिकल विकास को प्रभावित कर सकती हैं।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे टूथपेस्ट खरीदते समय उसकी सामग्री की पूरी जानकारी ज़रूर पढ़ें और प्राकृतिक या आयुर्वेदिक होने के दावे पर आँख मूंदकर विश्वास न करें।

यह मामला न सिर्फ उत्पाद गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमें रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले उत्पादों के प्रति अधिक सजग होने की ज़रूरत है।

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