Fungal infection

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गंभीर फंगल संक्रमणों के उपचार में सीमित विकल्पों को लेकर गहरी चिंता जताई है। संगठन का कहना है कि एंटी-फंगल दवाओं की संख्या बेहद सीमित है, और जो दवाएं उपलब्ध हैं, उन पर तेजी से प्रतिरोधकता विकसित हो रही है। यदि तत्काल इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में यह एक बड़े स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकती है।

WHO की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों, जैसे कैंसर या अंग प्रतिरोपण से गुजरने वाले मरीजों के लिए फंगल संक्रमण जानलेवा साबित हो सकते हैं। लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में जरूरी उपचार तक पहुंच नहीं है।

WHO की सहायक महानिदेशक डॉ. युकिको नाकातानी ने बताया, “गंभीर फंगल संक्रमणों के लिए सुरक्षित, असरदार और सस्ती दवाएं बहुत सीमित हैं। खासतौर से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में जांच और उपचार की व्यवस्था बेहद कमजोर है।”

भारत जैसे देशों में, जहां कोविड-19 के बाद म्यूकोरमाइकोसिस (Black Fungus) के मामले अचानक बढ़े थे, वहां एंटी-फंगल दवाओं की आपूर्ति पहले ही सवालों के घेरे में आ चुकी है। चिकित्सकों का मानना है कि अब कई फंगल संक्रमण सामान्य दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे, जिससे इलाज चुनौतीपूर्ण हो गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस खतरे को देखते हुए शोध और दवा निर्माण में तत्काल निवेश की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपील की है कि वे फंगल रोगों की निगरानी, जांच सुविधाएं और नई दवाओं के विकास में सहयोग बढ़ाएं।

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