Health insurance

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हम सभी फिट रहने और पोषण की पूर्ति के लिए हेल्थ सप्लीमेंट्स का सहारा लेने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो सप्लीमेंट्स आपकी सेहत को बेहतर बनाने के दावे करते हैं, वही आपके शरीर की सबसे अहम अंग – गुर्दों (किडनी) को चुपचाप नुकसान पहुँचा सकते हैं?

कई बार इन सप्लीमेंट्स का जरूरत से ज्यादा या बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन, किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। आइए जानें किन सामान्य सप्लीमेंट्स से किडनी को खतरा हो सकता है।

  1. विटामिन C – ज़रूरत से ज़्यादा नुकसानदेह

विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है। लेकिन जब इसे अधिक मात्रा (2000 मिग्रा. प्रतिदिन से ज़्यादा) में लिया जाता है, तो यह शरीर में ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ा सकता है। ऑक्सालेट क्रिस्टल किडनी में जमकर पथरी का कारण बन सकते हैं। जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है, उनके लिए अतिरिक्त विटामिन C और खतरनाक साबित हो सकता है।


  1. विटामिन D – कैल्शियम का असंतुलन बना सकता है मुसीबत

हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए विटामिन D ज़रूरी है, लेकिन इसकी अधिकता शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ा सकती है। इससे कैल्सीफिकेशन यानी किडनी की कोशिकाओं में कैल्शियम जमने लगता है, जिससे सूजन और कार्यक्षमता में गिरावट आ सकती है। लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में विटामिन D लेने से क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) का जोखिम भी बढ़ जाता है।


  1. क्रिएटिन – जिम प्रेमियों को अलर्ट रहने की ज़रूरत

क्रिएटिन एक लोकप्रिय सप्लीमेंट है जो मांसपेशियों के विकास में मदद करता है, खासतौर पर बॉडीबिल्डिंग और हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करने वालों के बीच। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ा सकता है, जिसे किडनी को बाहर निकालना पड़ता है। लगातार लोडिंग डोज़ या हाई डोज़ में इसका सेवन किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।


  1. हर्बल या आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स – प्राकृतिक होने का मतलब सुरक्षित नहीं

कई लोग मानते हैं कि हर्बल या आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स पूरी तरह सुरक्षित होते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इनमें कुछ ऐसे रसायन या जड़ी-बूटियाँ हो सकती हैं जो किडनी पर सीधा असर डालती हैं। खासकर अर्जुन की छाल, भृंगराज या कुछ चीनी हर्ब्स का सेवन लंबे समय तक करने से किडनी डैमेज हो सकती है, खासकर यदि इन्हें बिना किसी मेडिकल पर्यवेक्षण के लिया जाए।


  1. अत्यधिक प्रोटीन पाउडर – ‘हेल्दी’ दिखने की दौड़ में खतरा

जिन लोगों को हाई प्रोटीन डाइट या प्रोटीन शेक्स की आदत होती है, उन्हें यह जानना जरूरी है कि प्रोटीन के ब्रेकडाउन से बनने वाले नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट पदार्थों को किडनी को छानना पड़ता है। जब प्रोटीन की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है, तो यह किडनी की कार्यक्षमता पर असर डाल सकती है, खासकर यदि आपको पहले से कोई किडनी संबंधी बीमारी है।


6 किडनी कैसे करती है काम और क्यों है इतनी संवेदनशील?

किडनी हमारे शरीर की सफाई व्यवस्था है। ये हर दिन करीब 50 गैलन खून को फिल्टर करती हैं और शरीर से अपशिष्ट बाहर निकालती हैं। लेकिन जब सप्लीमेंट्स या रसायन ज्यादा हो जाते हैं, तो किडनी पर अतिरिक्त भार पड़ता है जिससे धीरे-धीरे फंक्शन खराब होने लगता है।


क्या करें – सावधानी ही सुरक्षा है

  1. कभी भी सप्लीमेंट्स को खुद से शुरू न करें – डॉक्टर से सलाह लें।
  2. लेबल जरूर पढ़ें – अधिकतम सुरक्षित डोज़ क्या है, यह जानें।
  3. ब्लड और किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहें, खासकर अगर लंबे समय से सप्लीमेंट ले रहे हैं।
  4. प्राकृतिक स्रोतों से पोषक तत्व लेने की कोशिश करें – जैसे फल, सब्जियाँ, अनाज और प्रोटीन के हेल्दी स्रोत।

स्वास्थ्य की दिशा में उठाया गया हर कदम जरूरी है, लेकिन जानकारी के बिना किया गया प्रयोग नुकसानदेह हो सकता है। हेल्थ सप्लीमेंट्स शरीर को पोषण देने का एक माध्यम हैं, लेकिन इनका सही उपयोग ही लाभकारी है। इसलिए, अगली बार सप्लीमेंट लेने से पहले एक बार अपनी किडनी के बारे में भी सोचें।

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