आमतौर पर लोग वायु प्रदूषण को सिर्फ फेफड़ों की बीमारियों, दमा या एलर्जी से जोड़कर देखते हैं। लेकिन कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि प्रदूषित हवा केवल सांस लेने की समस्या ही नहीं बढ़ाती, बल्कि यह दिल की धमनियों पर भी गहरा असर डालती है। लगातार खराब हवा के संपर्क में रहना धमनियों को धीरे-धीरे कठोर बना देता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है।
प्रदूषण कैसे करता है धमनियों को सख्त?
हवा में मौजूद PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) जैसे गैसें सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।
ये प्रदूषक सीधे रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत (endothelium) को प्रभावित करते हैं।
परिणामस्वरूप, शरीर में सूजन (inflammation) और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) पैदा होता है।
ये दोनों प्रक्रियाएँ मिलकर धमनियों की दीवारों पर प्लाक जमाव (plaque build-up) बढ़ाती हैं।
समय के साथ धमनियाँ संकरी और कठोर हो जाती हैं, जिसे Atherosclerosis कहा जाता है — यही स्थिति हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से मिली पुष्टि
अमेरिका में हुए MESA Air Study (10 वर्षों तक चला शोध) में यह सामने आया कि जो लोग ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं, उनकी धमनियों में कैल्शियम का जमाव दूसरों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ता है। यह हृदय रोगों के खतरे को सीधे बढ़ा देता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट बताती है कि प्रदूषण रक्तचाप बढ़ा सकता है, हृदय की धड़कन की लय (arrhythmia) बिगाड़ सकता है और ब्लड वेसल्स को सख्त कर सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया में हर साल होने वाली लगभग 70 लाख असामयिक मौतों में वायु प्रदूषण की भूमिका है, जिनमें से बड़ी संख्या दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है।
क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा?
- सूजन बढ़ना: लगातार खराब हवा से शरीर का इम्यून सिस्टम एक्टिव रहता है, जिससे क्रॉनिक इंफ्लेमेशन होता है।
- ब्लड क्लॉट बनना: प्रदूषण खून को गाढ़ा कर देता है, जिससे अचानक ब्लॉकेज और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
- ऑक्सीडेटिव तनाव: यह कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और धमनियों की लोच खत्म करता है।
- थायरॉयड और BP पर असर: हाई ब्लड प्रेशर और हॉर्मोनल गड़बड़ी भी प्रदूषण से ट्रिगर हो सकती है, जो दिल को कमजोर बनाती है।
कैसे बचा जा सकता है?
मास्क का इस्तेमाल करें: N95 जैसे मास्क हवा में मौजूद खतरनाक कणों से सुरक्षा देते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें: विटामिन C, विटामिन E और ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं।
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
नियमित स्वास्थ्य जांच: खासकर अगर आप प्रदूषण-प्रभावित इलाकों में रहते हैं, तो समय-समय पर हृदय संबंधी जांच कराते रहें।
लाइफस्टाइल में सुधार: व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद हृदय को मज़बूत बनाए रखते हैं।
दिल की बीमारियाँ सिर्फ खराब खानपान या तनाव की वजह से नहीं होतीं। वायु प्रदूषण एक “साइलेंट किलर” है जो धमनियों को धीरे-धीरे कठोर बनाकर दिल को नुकसान पहुँचाता है। अगर हमें भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी स्थितियों से बचना है, तो प्रदूषण से सुरक्षा और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद ज़रूरी है।
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