दिल्ली ही नही बल्कि देश भर में तेजी से बढ़ते मामलों के साथ साथ होस्पिटलाईजेशन भी बढ़ रहा है, साथ ही बढ़ रहा है मौतों का आंकड़ा।
ऐसे में यह दलील की ओमिक्रोन वैरिएंट कम घातक है, बेमानी है।
पिछले 24 घण्टे में कोविड से देश भर में सवा तीन सौ से ज्यादा लोग मर चुके हैं वही दिल्ली जहाँ वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी का दावा किया जाता है, रोज मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 17 हो चुका है।
अब सवाल ये उठ रहा है की ओमिक्रोन अगर माइल्ड है तो इतनी डेथ और होस्पिटलाईजेशन क्यों?
इसका जवाब NCDC यानी नेशनल सेंटर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुजीत कुमार सिंह के आंकड़ो में ढूंढा जा सकता है। डॉ सिंह ने डीडी न्यूज़ के एक कार्यक्रम में खुलासा किया की दिल्ली में आ रहे डेली कोविड केस में 15 से 20 फ़ीसदी डेल्टा के है। डॉ सुजीत ने यह भी बताया की देश भर में एक बड़ी आबादी डेल्टा से संक्रमित होने के लिये अति संवेदनशील है क्योंकि सेकंड वेब के लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद जो लोग डेल्टा संक्रमित हुए थे उनमें भी अब पर्याप्त मात्रा में एन्टी बॉडी नही बची है।
इस आंकड़े के मुताबिक अगर दिल्ली की बात करे तो रोज 20 हज़ार से ज्यादा मामले आ रहे है यानी इनमे 4 से 5 हजार मरीज डेल्टा के हो सकते हैं। ये आंकड़े बेहद खतरनाक और चौंकाने वाले है। इससे ये भी समझा ज सकता है की अचानक होस्पिटलाईजेशन क्यों बढा है और डेथ क्यों बढ़ रहा है।
अगर यही ट्रेंड देश भर में जारी रहा तो ओमिक्रोन की आड़ में एक बार फिर डेल्टा कहर बरपा सकता है। देश भर में कोविड की तीसरी लहर में अब रोज आने वाले मामले डेढ़ लाख को पार कर तेजी से दो लाख की तरफ बढ़ रहें है। कोविड की ये तीसरी लहर अगर यूं ही बनी रही तो ओमिक्रोन और डेल्टा दोनों का घातक कॉकटेल भारत मे तबाही का फिर से सबब बन सकता है।
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