Cervical cancer causes and symptoms

सर्वाइकल कैंसर, जिसे सर्वाइकल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, गर्भाशय में होने वाला कैंसर है। यह विश्व भर में महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है और भारत में हर साल करीब 1,20,000 महिलाएँ इससे ग्रसित होती हैं।

सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर एक वायरस जिसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) कहते हैं, उसके कारण होता है। HPV एक काफी सामान्य वायरस है और ज्यादातर महिलाओं को कभी ना कभी इस वायरस से संक्रमण होता है। हालांकि, HPV वायरस से संक्रमण होने का मतलब यह नहीं है कि सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हो जाएगा। लेकिन जिन महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमें यह वायरस का संक्रमण कैंसर का रूप ले सकता है।

यह कैंसर उन महिलाओं को भी हो सकता है जिनका केवल एक यौन साथी हो। लेकिन अगर किसी महिला के कई यौन साथी हों या किसी ऐसे पुरुष के साथ यौन संबंध हों जिसके कई यौन साथी हों, तो सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

लक्षण:

  1. पीरियड्स के बीच में या मेनोपॉज के बाद भी काफ़ी ब्लीडिंग होना।
  2. अगर वेजाइनल डिस्चार्ज बढ़ गया हो या उससे दुर्गंध आ रही हो।
  3. पेशाब करने में दर्द होना या कभी-कभी उसमें खून आना।

ऐसे लक्षण होने पर तुरंत अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।

चूंकि HPV की वैक्सीन उपलब्ध है, इसलिए 9-14 वर्ष की उम्र में इसकी वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। 30 वर्ष की उम्र के बाद कम से कम हर 5 साल में इसकी जांच करानी चाहिए।

अगर शुरुआती स्तर में पता चल जाए तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए ताकि इस गंभीर बीमारी से बचा जा सके।

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