Navjot Singh Siddhu

एम्स दिल्ली के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर ने पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उनकी पत्नी के मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के इलाज को लेकर किए गए दावों पर गंभीर चिंता जताई है। सिद्धू ने हाल ही में एक वीडियो में कहा था कि उनकी पत्नी का इलाज डेयरी उत्पाद और चीनी को छोड़ने और हल्दी व नीम जैसे प्राकृतिक उपायों से संभव हुआ। सिद्धू ने यह भी कहा कि डॉक्टरों ने उनकी पत्नी के ठीक होने की संभावना केवल 5% बताई थी।

डॉ. शंकर ने अपने पत्र में सिद्धू के इन दावों को अधूरा और भ्रामक बताया, और इस बात पर जोर दिया कि सिद्धू को उन चिकित्सीय उपचारों का भी उल्लेख करना चाहिए था जो उनकी पत्नी के ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने लिखा, “एक सार्वजनिक व्यक्तित्व के रूप में, आपको सर्जरी और कीमोथेरेपी जैसी उपचार प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए थी, जो उनकी बीमारी को ठीक करने में अहम रही होगी।”

https://x.com/ShankarAbhishek/status/1860371142181085371?t=H4SYQtD4u-82q0fHVE8QQg&s=19

गलत जानकारी फैलाने पर चिंता

डॉ. शंकर ने चेतावनी दी कि सिद्धू के इस तरह के दावे लोगों को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कैंसर उपचारों से दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “भारत में हर साल 9 लाख से अधिक लोग कैंसर से अपनी जान गंवाते हैं, और इनमें से कई मौतों की वजह गलत जानकारी होती है। नीम और हल्दी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन कैंसर का इलाज नहीं कर सकते।”

मिथकों का खंडन

सिद्धू के इस दावे पर कि “चीनी कैंसर को बढ़ावा देती है,” डॉ. शंकर ने कहा कि यह तर्क जैविक प्रक्रियाओं को सरल बनाकर प्रस्तुत करता है। “चीनी को पूरी तरह से हटाने से कैंसर कोशिकाओं को भूखा नहीं रखा जा सकता, बल्कि यह पोषण असंतुलन पैदा कर सकता है, जो कैंसर मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इलाज के दौरान संतुलित आहार बेहद जरूरी है,” उन्होंने लिखा।

डॉ. शंकर ने यह भी याद दिलाया कि सिद्धू ने अपनी पत्नी के कीमोथेरेपी का जिक्र पहले सोशल मीडिया पर किया था, लेकिन अपने वीडियो में उन्होंने इसका उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा, “आपने हल्दी और नीम जैसे उपायों पर अधिक जोर दिया, जो स्टेज 4 मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के लिए वैज्ञानिक उपचारों का विकल्प नहीं हो सकते।”

जिम्मेदार संवाद की अपील

सिद्धू की पत्नी के ठीक होने पर खुशी जताते हुए, डॉ. शंकर ने उनसे आग्रह किया कि वह अपने प्रभाव का उपयोग जिम्मेदारी से करें। उन्होंने लिखा, “आपके दावे झूठी उम्मीद जगा सकते हैं और मरीजों को आवश्यक उपचार से दूर कर सकते हैं। सही और सटीक जानकारी साझा करना कई जिंदगियां बचा सकता है।”

सटीक जानकारी के महत्व पर जोर

डॉ. शंकर ने सिद्धू से अपील की कि वह मरीजों को ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श करने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सिद्धू अपनी पत्नी के इलाज की पूरी प्रक्रिया साझा करें, जिसमें चिकित्सा हस्तक्षेप शामिल हो, ताकि यह कहानी जिम्मेदारी के साथ प्रेरणा बन सके।

यह विवाद स्वास्थ्य जागरूकता में सार्वजनिक हस्तियों की भूमिका और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए सटीक और वैज्ञानिक जानकारी के महत्व पर चर्चा को पुनर्जीवित करता है।

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