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क्या आप जानते हैं कि दांतों की सफाई आपकी हृदय की सेहत पर भी असर डाल सकती है? हाल के अध्ययनों के अनुसार, रोजाना फ्लॉसिंग करने से मसूड़ों की समस्याओं से बचने के साथ-साथ हृदय रोगों का जोखिम भी कम किया जा सकता है।

शोध में सामने आई अहम जानकारी

विशेषज्ञ बताते हैं कि दांतों और मसूड़ों की सफाई न होने से मुंह में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जो शरीर में सूजन का कारण बन सकते हैं। इस सूजन का असर रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। रोजाना फ्लॉसिंग करने से इन बैक्टीरिया को हटाया जा सकता है, जिससे सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।


मसूड़ों और दिल के बीच का कनेक्शन

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि दांतों की देखभाल और हृदय रोगों के बीच गहरा संबंध है। सही समय पर दांतों और मसूड़ों की सफाई करके प्लाक और हानिकारक बैक्टीरिया को हटाया जा सकता है। इससे रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा होने का खतरा कम होता है।

विशेषज्ञों की सलाह

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, “लोग ओरल हाइजीन को केवल दांतों की समस्या से जोड़ते हैं, लेकिन यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। फ्लॉसिंग हृदय रोगों की रोकथाम में सहायक हो सकती है।”डेंटल विशेषज्ञ मानते हैं की “फ्लॉसिंग करने से दांतों के बीच फंसे भोजन और बैक्टीरिया को हटाया जा सकता है, जिससे मसूड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है। यह एक सरल लेकिन असरदार आदत है।”

फ्लॉसिंग के सही तरीके

1. फ्लॉस को दांतों और मसूड़ों के बीच धीरे-धीरे इस्तेमाल करें।

2. इसे दांतों के किनारों पर घुमाकर सफाई करें।

3. रोजाना फ्लॉसिंग को ब्रशिंग के साथ शामिल करें।

4. अगर तरीका समझ में न आए, तो डेंटिस्ट से परामर्श लें।

दांतों की सफाई को केवल सौंदर्य तक सीमित न रखें। यह आपके पूरे शरीर, खासकर हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है। अगर आपने अब तक फ्लॉसिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं किया है, तो आज ही शुरू करें और अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाएं।

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