Doctor protest

बल्लभगढ़: बल्लभगढ़ के छायंसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 5 दिसंबर, 2024 की रात को आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात एक इंटर्न डॉक्टर पर मरीज के परिजनों ने न केवल शारीरिक हमला किया बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। यह स्वास्थ्य केंद्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली के अंतर्गत आने वाले विस्तृत ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा परियोजना (CRHSP) का हिस्सा है।

घटना का विवरण:
घटना तब हुई जब एक स्ट्रोक मरीज की आपातकालीन स्थिति में देखभाल की जा रही थी। ड्यूटी पर मौजूद दो जूनियर रेजिडेंट (JR) मरीज को CPR दे रहे थे, जबकि इंटर्न डॉक्टर बाहर एंबुलेंस और रेफरल कार्ड की व्यवस्था कर रहे थे। उसी समय मरीज के बेटे ने इंटर्न डॉक्टर पर हमला कर दिया और धमकी दी, “अगर मेरे पिता को कुछ हुआ, तो मैं यहां मौजूद सभी डॉक्टरों को खत्म कर दूंगा।”

इस घटना ने इंटर्न डॉक्टर को मानसिक रूप से गहरा आघात पहुंचाया है और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उठी आवाज

घटना के बाद AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है। RDA ने AIIMS निदेशक को पत्र लिखकर तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

RDA AIIMS की मुख्य मांगें:

  1. हरियाणा के मेडिकेयर सर्विस पर्सन्स और मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशन्स (हिंसा और संपत्ति को नुकसान से बचाव) अधिनियम, 2009 के तहत 12 घंटे के भीतर FIR दर्ज की जाए।
  2. PHC और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा योजना लागू की जाए।

प्रशासन की उदासीनता:
घटना के बाद मुख्य सुरक्षा अधिकारी (CSO), गांव के सरपंच, स्थानीय SHO और AIIMS के फैकल्टी सदस्यों के साथ एक आपात बैठक बुलाई गई। हालांकि, डॉक्टरों की FIR दर्ज करने की मांग को नजरअंदाज किया गया। प्रशासन ने केवल एक शिकायत दर्ज की और इसे FIR का दर्जा देकर गुमराह किया। बाद में पुष्टि हुई कि FIR दर्ज नहीं की गई है।

https://x.com/DrDatta_AIIMS/status/1865074692291452979?t=dmEH-5Uv2AP4d8WiOROBXg&s=19

डॉक्टरों की चेतावनी

RDA ने स्पष्ट किया है कि अगर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

RDA के अध्यक्ष डॉ. इंद्र शेखर प्रसाद ने कहा, “हम अपने सहयोगियों की सुरक्षा और गरिमा से कोई समझौता नहीं करेंगे। अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो हमें कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”

क्या कहता है कानून?

हरियाणा का मेडिकेयर सर्विस पर्सन्स और मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशन्स (हिंसा और संपत्ति को नुकसान से बचाव) अधिनियम, 2009 डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके तहत डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।

सुरक्षा पर सवाल

यह घटना बल्लभगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कौन से उपाय किए जाते हैं।

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