Stroke among youths

आजकल स्ट्रोक का खतरा केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि युवाओं और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में भी इसका प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, पिछले एक दशक में मस्तिष्क में रक्तस्राव (इंट्रासेरेब्रल हेमरेज) के मामलों में 11% की वृद्धि हुई है।

युवाओं में स्ट्रोक क्यों बढ़ रहा है?

विशेषज्ञों के अनुसार, स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के पीछे मुख्य रूप से जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं जिम्मेदार हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा और शारीरिक सक्रियता की कमी प्रमुख जोखिम कारक हैं। इसके अलावा, कोविड-19 संक्रमण के बाद भी कुछ मामलों में स्ट्रोक देखा गया है।

मुख्य कारण:

  1. उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन):
    युवाओं में उच्च रक्तचाप का बढ़ना स्ट्रोक के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण है। खराब खानपान, मोटापा और धूम्रपान इसे और बढ़ावा देते हैं।
  2. जीवनशैली:
    फास्ट फूड, शारीरिक गतिविधि की कमी और शराब का अत्यधिक सेवन भी स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है।
  3. कोविड-19 का प्रभाव:
    कोविड-19 संक्रमण के दौरान शरीर में सूजन और कई अंग प्रणालियों पर असर देखा गया है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

स्ट्रोक से बचाव के उपाय

अच्छी बात यह है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

रोकथाम के उपाय:

  1. स्वस्थ खानपान:

अधिक वसा और तले हुए भोजन से परहेज करें।

फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं।

शराब और नमक का सेवन सीमित करें।

  1. शारीरिक सक्रियता:

रोजाना कम से कम 30 मिनट की सैर या व्यायाम करें।

लंबे समय तक एक जगह बैठने से बचें।

  1. नियमित स्वास्थ्य जांच:

रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं।

डॉक्टर से परामर्श लेकर जरूरत पड़ने पर दवाएं शुरू करें।

  1. धूम्रपान और नशे से बचें:

धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद करें।

मानसिक तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग और ध्यान का सहारा लें।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। अगर समय रहते लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए और नियमित चिकित्सा सहायता ली जाए, तो स्ट्रोक की आशंका को काफी हद तक टाला जा सकता है।

स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति से बचाव आपके हाथ में है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित जांच करवाकर अपना और अपनों का जीवन सुरक्षित बनाएं।

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