Fatty Liver cases

हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH) के हालिया शोध में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। अध्ययन के अनुसार, भारत में आईटी (IT) कर्मचारियों में मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज (MAFLD) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 84% आईटी पेशेवर इस बीमारी से ग्रस्त हैं। इस समस्या का मुख्य कारण बैठे-बैठे काम करने की आदत (सेडेंटरी लाइफस्टाइल) और अस्वस्थ जीवनशैली को माना जा रहा है।
इस स्टडी को हैदराबाद युनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो कल्याणकर महादेव और सी टी अनीथा ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सीनियर हेपेटोलॉजिस्ट डॉ पी एन राव, उनकी टीम और अन्य रिसर्च स्कॉलर्स के साथ मिलकर किया।

शोध के प्रमुख निष्कर्ष:

आईटी कर्मचारियों में फैटी लिवर के अधिक मामले – अध्ययन में पाया गया कि 84% आईटी कर्मचारी MAFLD से पीड़ित हैं।

मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम – शोध के अनुसार, 71% कर्मचारी मोटापे का शिकार हैं, जबकि 34% को मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या है। मेटाबोलिक सिंड्रोम में हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन शामिल होता है।

किन कारणों से हो रही है यह समस्या?

शोध में पाया गया कि आईटी सेक्टर में काम करने की जीवनशैली इस बीमारी को बढ़ावा दे रही है:

लंबे समय तक बैठकर काम करना – पूरे दिन कंप्यूटर के सामने बैठना और शारीरिक गतिविधियों की कमी।

अत्यधिक कार्यभार और तनाव – हाई प्रेशर वर्क कल्चर से तनाव बढ़ता है, जिससे लोग अस्वस्थ खानपान और जीवनशैली अपनाने लगते हैं।

अनियमित भोजन और नींद – नाइट शिफ्ट और अनियमित कार्य घंटे खाने-पीने और नींद के पैटर्न को प्रभावित करते हैं।

फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन – अधिकतर कर्मचारी बाहर का खाना और चीनी युक्त ड्रिंक्स ज्यादा पीते हैं।

क्या हैं स्वास्थ्य पर प्रभाव?

अगर फैटी लिवर (MAFLD) का समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह सिरोसिस, लिवर फाइब्रोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है। कुछ मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है।

रोकथाम के उपाय:

इस समस्या से बचने के लिए शोधकर्ताओं ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

✔️ कार्यालयों में स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू किए जाएं – कंपनियों को कर्मचारियों के लिए फिटनेस और हेल्थ वर्कशॉप शुरू करनी चाहिए।
✔️ नियमित स्वास्थ्य जांच करवाई जाए – कर्मचारियों को समय-समय पर ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और लिवर फंक्शन टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है।
✔️ फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं – दिनभर कुर्सी पर बैठने की बजाय बीच-बीच में टहलना, एक्सरसाइज और योग को अपनाना चाहिए।
✔️ तनाव प्रबंधन पर ध्यान दें – ध्यान (मेडिटेशन), संगीत और ब्रेक लेकर तनाव को कम किया जा सकता है।
✔️ स्वस्थ खानपान अपनाएं – बाहर के तले-भुने और मीठे खाद्य पदार्थों की बजाय घर का हेल्दी खाना खाएं।

हैदराबाद विश्वविद्यालय का यह अध्ययन आईटी सेक्टर में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं को उजागर करता है। यह समय की जरूरत है कि कंपनियां और कर्मचारी दोनों मिलकर अपनी जीवनशैली में सुधार करें ताकि इस बीमारी को रोका जा सके।

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